लुधियाना-अमृतसर : अपनी बेबाकी और दलेराना कार्यप्रणाली के लिए पहचाने जाने वाले भाजपा नेता और सांसद सदस्य डॉ सुब्रामन्यम स्वामी ने कहा कि जून 1984 के दौरान श्री दरबार साहिब पर इंद्रा गांधी हुकूमत द्वारा सैनिक कार्यवाही किए जाना बिलकुल गलत था।
जिसको स्वीकार करते हुए सिख कौम के प्रति पश्चाताप किया जाना चाहिए ताकि सिख हृदयों को शांत करके उनके भरोसे को पुन: जीता जा सकें। दमदमी टकसाल के प्रमुख संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा की अगुवाई में मिलने गए एक प्रतिनिधि मंडल जिनमें सिंह साहिब भाई जसबीर सिंह रोडे, भाई अजायब सिंह अभ्यासी सदस्य शिरोमणि कमेटी, संत चरणजीत सिंह जस्सोवाल, मुख्य प्रवक्ता दमदमी टकसाल और प्रो. सरचांद सिंह शामिल थे, के साथ सिख कौम को आ रही मुश्किलों के प्रति गहन विचार करने उपरांत डॉ स्वामी ने कहा कि वह संसद के अंदर और बाहर सिख कौम की समस्याओं के प्रति गंभीरता के साथ वकालत करने की जिम्मेदारी उठाते है और यकीन दिलाते है ।
कि जब तक यह कार्य पूरा नहीं हो जाता वह इसे छोड़ेंगे नहीं। उन्होंने कहा कि नवंबर 1984 के सिख कत्लेआम के पीडि़तों को इंसाफ दिलाने में वह कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। इस अवसर पर दमदमी टकसाल के प्रमुख ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा ने सिख कैदियों को तुरंत रिहाई, सिखों की काली सूची खत्म करने, पार्लीमेंट में दरबार साहिब पर हुए हमले के प्रति निंदा प्रस्ताव के लिए मांग पत्र भी डॉ स्वामी को सौंपा।
- सुनीलराय कामरेड