लुधियाना-नाभा : 4 साल पहले 2015 में तरनतारन स्थित चब्बे की पावन धरती पर हुए सरबत खालसा द्वारा नियुक्त श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार जगतार सिंह हवारा के दिशा निर्देशों पर बनी 5 सदस्यी पंथक कमेटी द्वारा आज नाभा की अति सुरक्षा की केंद्रीय जेल के बाहर सजायाफता बंदी सिंहों की रिहाई, बरगाड़ी मोर्चे के दौरान ना पूर्ण होने वाली मांगे और जेले काट रहे बंदी और खाडकू सिंहों को उनके जिलों से संबंधित जेलों में स्थानांतर करने की मांग को लेकर धरना लगाया गया।
इस दौरान बगीचा सिंह, लखा सदाना, 5 सदस्यी कमेटी के सदस्य, एडवोकेट अमर सिंह चाहल, भाई नारायण सिंह चौड़ा, प्रो. बलजिंद्र सिंह अमृतसर, भाई जसपाल सिंह हेरा, मास्टर संतोख सिंह समेत बड़ी संख्या में सिख युवक हाथों में तख्तियां थामें शामिल हुए। यह धरना सुबह से चलकर शाम तक चला।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए जसपाल सिंह हेरा ने कैप्टन सरकार की घोर निंदा करते हुए कहा कि मोजूदा सरकार भी बादल – भाजपा की तरह जेलों में सजाएं पूरी कर चुके बंदी सिंहों की रिहाई के लिए कलीन चिट केंद्र सरकार को भेजने में टाल-मटोल कर रही है।
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उन्होंने यह भी कहा कि बरगाड़ी मोर्चे के दौरान पंजाब के 2 मंत्रियों ने जो मांगे मानने का वायदा किया था, वह भी यर्थात में पूरी नहीं हुई और ना ही सूबे के बाहर अन्य जेलों में बंद सिख कैदियों को वापिस पंजाब लाया जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाएं कि बहिबल गोलीकांड के दौरान शहीद हुए भाई किशन भगवान सिंह और भाई गुरजीत सिंह के केस में विशेष जांच टीम को कैप्टन सरकार और बादल जूंडली के कारण निरपक्षता के साथ काम नहीं करने दिया जा रहा।
उन्होंने यह भी कहा कि जस्टिस रंजीत सिंह की रिपोर्ट में बहिबल कलां गोलीकांड में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल और पूर्व डीजीपी सुमेद सैनी को दोषी नामजद किया गया था लेकिन सियासतदानों की आपसी रिश्तेदारियों के कारण अभी तक उनकी गिरफतारी नहीं हो सकी। उन्होंने यह भी कहा कि सिखों को गुलामी का एहसास करवाया जा रहा है और इसके लिए वह जल्द ही यूनएनओ को मांगपत्र देने जाएंगे। इस दौरान अलग-अलग सिख नेताओं ने कमेटी को पूर्ण सहयोग देने का भरोसा दिलाया।
– सुनीलराय कामरेड