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कुपवाडा में शहीद हुए सैनिक को श्रद्धांजलि देने उमड़ी लोगों की भीड़

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लुधियाना- पठानकोट : अपनी बीवी पल्लवी और ममतामयी मां संतोष से जल्द आने का वायदा करके जम्मू-कश्मीर स्थित कुपवाड़ा की सीमा पर दुश्मनों से डटकर लौहा लेने वाले 26 वर्षीय शहीद सुखदयाल की मृत देह जब आज बुधवार पठानकोट के गांव समराला की देहरी पर पहुंची तो उसकी शहादत को सलाम करने के लिए रिश्तेदारों, प्रशासनिक अधिकारियों समेत आसपास के दर्जनों गांवों के लोग उमड़े हुए थे। तिरंगे में लिपटी गांव के नौजवान की लाश को देखते ही माहौल उस वक्त गमगीन हो उठा जब ममतामयी मां ने आगे बढ़कर अपने एक अन्य बेटे के साथ अपने जिगर के लाल को कंधा दिया।

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भारत मां की जयघोष के साथ-साथ अमर शहीद सुखदयाल के समर्थन में शोकविहील नौजवान जयघोष कर रहे शहीद की 28 आरआर बटालियन के अलावा हल्का विधायक एवं जिला प्रशासन श्रदांजलि देने पहुंचा। अंतिम संस्कार से पहले सैन्य सम्मान के साथ शहीद को सलामी दी गई। विदाई देने से पहले सेना ने शोक बिगुल बजाकर सैन्य सम्मान के साथ सैलूट किया और अंतिम क्रियाओं के दौरान शहीद के शव को अगिन उसके भाई और मां ने अपने हाथों से दी।

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उल्लेखनीय है करीब 11 दिन पहले कुपवाड़ा में आतंकी घुसपैठ को नाकाम करते हुए इस शहीद ने सीने पर गोलियां खाई थी किंतु घुसपैठियों को भारतीय सीमा में घुसने ना दिया। इस दौरान जख्मी होने के कारण उसका इलाज 10 दिनों तक दिल्ली में चला आखिर जख्मों की पीड़ा ना सहते हुए वह शहीद हो गया। इस बारे में जानकारी देते हुए शहीद के परिजन महावीर सिंह ने कहा कि हमें अपने बेटे की शहादत पर गर्व है लेकिन हमारे बेटे की शहादत के बाद परिवार को कभी भी पूरा न होने वाला नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि 2013 के दौरान सेना में भर्ती होने वाले इस शहीद की मात्र एक साल पहले शादी हुई थी और शहीद का 1 महीने का बेटा भी है। जिसे बिना गले लगाए और मुंह देखे एक बार अपने देश की खातिर शहादत का जाम पी गया। उसके डयूटी पर जाने के 4 दिन बाद ही उसकी पत्नी ने एक सुंदर बेटे को जन्म दिया था।

इस बारे शहीद परिवार सुरक्षा परिषद् के प्रधान रविंदर विक्की ने कहा कि भारत सरकार को चाहिए कि आतक के खिलाफ कड़े कदम उठाए ताकि पाकिस्तान को मुह तोड जवाब दिया जा सके। उन्होनें कहा कि अगर आतंवाद का फन न कुचला गया तो शहादतों का दौर इसी तरह चलता रहेगा। शहीद को श्रदांजलि देने पहुंचे हल्का भोआ के विधायक जोगिन्दर पाल ने कहा कि शहीद की शाहदत कभी भी बेकार नहीं जा सकती। सरकार शहीदों को पूरा मान सममान देने के लिए हमेशा वचनबद्ध है इसी के चलते पंजाब सरकार की ओर से शहीद के सममान के लिए गांव के बाहर शहीद की याद में यादाारी गेट बनाया जायेगा।

– सुनीलराय कामरेड

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