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AAP ने लगाया अमरिंदर सरकार पर आरोप, लाखों कर्मचारियों और पेंशनरों को कांग्रेस ने फिर दिया धोखा

आम आदमी पार्टी (आप) की पंजाब इकाई ने कहा है कि प्रदेश सरकार छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट को लागू नहीं करके लाखों कर्मचारियों और पेंशनरों को बार-बार धोखा दे रही है।

आम आदमी पार्टी (आप) की पंजाब इकाई ने कहा है कि प्रदेश सरकार छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट को लागू नहीं करके लाखों कर्मचारियों और पेंशनरों को बार-बार धोखा दे रही है। पार्टी के विधायक प्रिंसिपल बुधराम ने वित्त मंत्री मनप्रीत बादल को धोखेबाज करार दिया और कहा कि जो वित्त मंत्री कर्मचारियों को उनका हक नहीं दे सकता, उसे तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने आज एक बयान में कहा कि विभिन्न विभागों, बोर्डों और निगमों के लगभग 4 लाख कर्मचारी और 4 लाख से ज्यादा पेंशनर 2016 से छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू होने का इंतजार कर रहे हैं लेकिन पिछली बादल सरकार की तरह, कैप्टन सरकार ने भी आयोग की रिपोर्ट लागू नहीं की।
उनके अनुसार वेतन आयोग की रिपोर्ट जो 1 जनवरी 2016 से लागू होनी थी, बादल और कैप्टन सरकारों की नाकामी के कारण अभी तक लागू नहीं हुई है। मुख्यमंत्री ने एक जुलाई से वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की घोषणा की थी जो उनके सभी वादों की तरह विश्वासघात साबित हुई और अब छठे वेतन आयोग का कार्यकाल 31 अगस्त तक बढ़ा दिया गया है।
प्रिंसिपल बुधराम ने कहा कि राज्य के कर्मचारी पांचवें वेतन आयोग की 15 साल पुरानी सिफारिशों पर काम कर रहे हैं, जबकि मुद्रास्फीति इन वर्षों के दौरान कई गुना बढ़ गई है। जनवरी 2006 में 5वां वेतन आयोग पंजाब में लागू हुआ था, अभी 2021 चल रहा है। शर्म की बात है कि देश के सबसे अमीर राज्य की सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशनरों को छठे वेतन आयोग का लाभ नहीं दिया, जबकि केंद्र सरकार और कई राज्यों ने 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू कर दिया है।
प्रिंसिपल बुधराम ने कहा कि पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने पिछले विधानसभा सत्र के दौरान घोषणा की थी कि छठे वेतन आयोग की शिफारिशें 31 मार्च, 2021 को प्राप्त होगी और जुलाई 2021 से लागू की जाएगी। यह घोषणा झूठ का पुलिंदा साबित हुई क्योंकि सरकार ने अब तक केवल तारीखें बढ़यी, कर्मचारियों के वेतन और भत्ते नहीं।
प्रिंसिपल बुधराम ने कहा कि पंजाब वेतन आयोग की सिफारिशों से न केवल पंजाब के कर्मचारियों और पेंशनरों को लाभ होगा, बल्कि हिमाचल प्रदेश सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन भी इन सिफारिशों के आधार पर अपने कर्मचारियों को लाभ देगा। उन्होंने कहा कि पंजाब बोर्ड और निगम अपने स्तर पर कर्मचारियों को वित्तीय लाभ प्रदान कर सकते हैं, लेकिन इन एजेंसियों को छठे वेतन आयोग की सिफारिशों का इंतजार है। वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ पाने के लिए पिछले 15 वर्षों में हजारों पेंशनरों का निधन हो चुका है।
उन्होंने कहा कि कैप्टन सिंह और बादल ने 2017 के चुनावी घोषणा में वादा किया था कि अस्थायी कामगारों को स्थायी किया जाएगा, छठे वेतन आयोग की शिफारिशें लागू की जाएगी और डोर-टू-डोर रोजगार मुहैया कराया जाएगा। कांग्रेस के शासन के अब मात्र आधे साल रह गए हैं, अभी तक कोई वादे पूरे नहीं हुए। उन्होंने कैप्टन सिंह से अपील करते हुए कहा कि जल्द से जल्द छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू की जाए और बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी दी जाए।

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