आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की उस अपील को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने कृषि कानूनों में संशोधन पर सहमति देने के मद्देनजर चार नवंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ मुलाकात के लिये सभी दलों के विधायकों से साथ चलने का आग्रह किया था ।
मुख्यमंत्री के इस कदम को ”केवल राजनीतिक नाटक” करार देते हुये आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि उनकी पार्टी राष्ट्रपति से मुलाकात करने के लिये जाने वाले मुख्यमंत्री की अगुवाई वाली शिष्टमंडल का हिस्सा नहीं होगी । चीमा ने कहा कि ”विवादित” केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आनन फानन में राज्य विधानसभा में पारित तीन कृषि संशोधन विधेयक का कोई मतलब ही नहीं है ।
उन्होंने कहा कि इस मसले पर अभी राष्ट्रपति से मुलाकात करने का कोई मतबल नहीं बनता है क्योंकि प्रदेश के राज्यपाल ने अब तक इन विधेयकों पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं। विधानसभा में विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया कि कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब के लोगों को ‘‘मूर्ख’’ बना रहे हैं खास तौर से पंजाब के किसानों को । चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं को किसानों का मसीहा साबित करने में लगे हैं । आप नेता ने कहा कि राष्ट्रपति से मिलने के बदले मुख्यमंत्री सर्वदलीय शिष्टमंडल लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की बात करते तो उनकी पार्टी प्रसन्नतापूर्वक इसे स्वीकार कर लेती ।
उन्होंने यहां बयान जारी कर कहा, ”तीन कृषि कानूनों एवं वायु प्रदूषण अध्यादेश को वापस लेने की मांग करते हुये मुख्यमंत्री ने अगर प्रधानमंत्री आवास के बाहर धरना देने का निर्णय किया होता तो आप ने इसे पूरा समर्थन दिया होता ।” चीमा ने कैप्टन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों की ”कठपुतली मात्र” करार दिया और कहा कि यही कारण है कि अब तक उन्होंने इस मुद्दे पर न तो प्रधानमंत्री से, न केंद्रीय कृषि मंत्री से और न ही रेल मंत्री से अकेले या शिष्टमंडल के साथ मुलाकात की है । गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने सभी दलों के विधायकों से राष्ट्रपति से मुलाकात करने के लिये दलगत भावना से परे जाकर राज्य के हितों की सुरक्षा के दृष्टिगत साथ चलने की अपील की थी ।