आम आदमी पार्टी (AAP) प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून बनाया जाना चाहिए लेकिन किसी को गलत तरीके से परेशान नहीं किया जाना चाहिए। धर्म को एक निजी मामला बताते हुए केजरीवाल ने कहा, “धर्मांतरण के खिलाफ एक कानून निश्चित रूप से बनाया जाना चाहिए लेकिन इसके माध्यम से किसी को भी गलत तरीके से परेशान नहीं किया जाना चाहिए। उन्हें डराकर किया गया धर्मांतरण गलत है।” उन्होंने जालंधर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए यह बात कही।
अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि देश में मौजूदा कानून के तहत इस तरह की प्रथाओं को रोकने के लिए पर्याप्त प्रावधान हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री पंजाब में संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे। अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने ईसाई मिशनरी पर सीमावर्ती गांवों में सिख परिवारों के जबरन धर्मांतरण के लिए कार्यक्रम चलाने का आरोप लगाया था।
हालांकि, अमृतसर डॉयसीज के बिशप ने आरोपों से इनकार किया है। केजरीवाल ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि यह व्यक्तिगत पसंद का मामला है कि कोई किस धर्म का पालन करना चाहता है…और यह पूरी तरह से व्यक्तिगत मामला है जिसमें किसी को भी हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है… किसी भी सरकार को इसमें हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है और यह किसी का संवैधानिक अधिकार है।’’
धर्मांतरण विरोधी कानून लाने पर अपनी पार्टी के रुख के बारे में पूछे जाने पर आप प्रमुख ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर किसी का धर्म परिवर्तन प्रलोभन या धमकी से किया गया है, तो यह गलत है।’’ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस मुद्दे को लेकर आम आदमी पार्टी पर निशाना साधती रही है। उत्तर प्रदेश में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने पूर्व में एक विधेयक पारित किया था, जिसका उद्देश्य विवाह समेत धोखाधड़ी या किसी अन्य अनुचित तरीके से किए जाने वाले धर्मांतरण को रोकना था।
केजरीवाल ने कहा कि किसी को भी धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करना गलत है और इसे रोकने के लिए जो भी कदम उठाने की जरूरत है, वह किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरी राय है और मुझे कुछ वकीलों द्वारा बताया गया है, लेकिन इसकी और जांच की जानी चाहिए कि क्या देश के मौजूदा कानून के तहत पर्याप्त धाराएं और प्रावधान हैं कि अगर कोई किसी को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करता है तो उसे ऐसा करने से रोका जा सकता है।’’
उन्होंने भाजपा पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा, ‘‘आज भी देश में (जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए) पर्याप्त प्रावधान हैं। जो लोग नए कानून की बात करते हैं, वे क्या कर रहे हैं, यह एक राजनीतिक मुद्दा है।’’ वर्ष 1993 के दिल्ली बम विस्फोट के गुनहगार देविंदर पाल सिंह भुल्लर से संबंधित एक सवाल पर केजरीवाल ने शिरोमणि अकाली दल (शिअद) पर इस मुद्दे को लेकर ‘‘ओछी राजनीति’’ करने का आरोप लगाया। शिरोमणि अकाली दल ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार पर भुल्लर की रिहाई में बाधा डालने का आरोप लगाया है।