लुधियाना : पुलिस की हिरासत में युवक की मौत होने के उपरांत परिजनों द्वारा लुधियाना में जमकर हंगामा। मृतक के वारिसों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि पिछले 5 दिनों से उनका बेटा अन्य साथी के साथ झपटमारी के आरोप में अवैध हिरासत में रखा गया था। इस दौरान पुलिस ने टारचर किया तो उसकी मौत हो गई। पुलिस पर परिजनों ने आरोप लगाएं कि पुलिस चौकी के मुलाजिमों ने उनके बेटे को छोडऩे के एवज में रूपए मांगे थेे। युवक का शव सिविल अस्पताल में रखा गया है। डॉक्टरों के बोर्ड से उसका पोस्टमार्टम करवाया गया है।
जानकारी के मुताबिक जनकपुरी चौकी की हवालात में चोरी के मामले में गौरव कुमार और करण कुमार को बंद किया हुआ था। हवालात में प्रेम कॉलोनी धामियां कला ताजपुर रोड निवासी करण की मौत हो गई। इसके बारे में परिजनों को सुबह जानकारी दी गई। ये खबर सुनकर परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था। सिविल अस्पताल में पहुंची गौरव की मां नीना और करण की मां ज्योति ने आरोप लगाया कि उनके बेटे तीन अप्रैल से ही पुलिस की हिरासत में थे। वह अगले दिन से ही उन्हें मिलते रहे हैं।
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पुलिस उन्हें छोड़ देने की बात कहती रही है। करण के पिता बूटा राम ने आरोप लगाया कि उसके बेटे की मौत पुलिस की मारपीट से हुई है। यही नहीं एक कांग्रेस पार्षद और सरपंच इस पूरे मामले को पुलिस के पक्ष में करने पर लगा रहा। सरपंच ने तो बूटा राम की बेटी की शादी का खर्च तक उठाने की बात रख दी थी। एसीपी ने उसके दूसरे बेटे को नौकरी दिलाने तक का भरोसा दे दिया।
पुलिस ने इस घटना के बारे में जिला सेशन जज के समक्ष अर्जी देकर बताया। इसके बाद मजिस्ट्रेट अंकिता लूंबा खुद सिविल अस्पताल पहुंचीं। यहां पर करण के पिता, मां और दादी के बयान दर्ज किए। दूसरी तरफ सिविल अस्पताल में डॉ. रिपूदमन कौर, डॉ. कुलवंत सिंह और डॉ. च्बदू नलवा के बोर्ड ने शव का पोस्टमार्टम किया था। डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम की रिपोर्ट को पेंडिंग रख लिया है।
इस पूरे प्रकरण में पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में आ गई है। कई ऐसी फोटो सामने आई हैं, जिससे साफ होता है कि करण तीन मार्च की रात को ही पुलिस ही हिरासत में था। दोनों को जनकपुरी की गली नंबर जीरो के पास से लोगों ने चोरी करते हुए पकड़ा था और इन्हें पुलिस के हवाले कर दिया था। इस दौरान वहां पर मौजूद लोगों ने इसकी वीडियो भी बनाई थीं और फोटो भी खींचीं थी।
चौकी जनकपुरी से पुलिस अधिकारी करण को सिविल अस्पताल भी लेकर गए थे, क्योंकि वह पुलिस की नाजायज हिरासत में था इसलिए उसे अस्पताल में भर्ती नहीं करवाया गया। वहां पर भी करण की फोटो पुलिस के साथ है। सिविल अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए हैं जिसमें भी करण को उसी रात अस्पताल से लाने की फुटेज मिल सकती है। दूसरी और पुलिस ने शनिवार 6 अप्रैल की रात डेढ़ बजे के बाद दोनों के खिलाफ थाना डिवीजन नंबर 2 में एफआइआर 39, 379, 411 आइपीसी के तहत दर्ज की है। पुलिस के अनुसार इन्हें देर रात ही जनकपुरी एरिया के गिरफ्तार किया गया था और इन्हें सुबह अदालत में पेश किया जाना था।
– सुनीलराय कामरेड