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भाई निर्मल सिंह खालसा की मौत के बाद पंजाब में कोरोना वायरस के दौरान मरने वालों की संख्या 5 पहुँची

सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब के पूर्व हुजूरी रागी और ‘पदमश्री’ से विभूषित भाई निर्मल सिंह खालसा आज सुबह-सवेरे साढ़े 4 बजे के करीब अकाल चलान (स्वर्गवास) कर गए थे। 24 घंटे पहले ही उनकी कोविड-19 के वायरस की रिपोर्ट पॉजीटिव आई थी

लुधियाना-अमृतसर : सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब के पूर्व हुजूरी रागी और ‘पदमश्री’ से विभूषित भाई निर्मल सिंह खालसा आज सुबह-सवेरे साढ़े 4 बजे के करीब अकाल चलान (स्वर्गवास) कर गए थे। 24 घंटे पहले ही उनकी कोविड-19 के वायरस की रिपोर्ट पॉजीटिव आई थी और वह अमृतसर के गुरू नानक देव अस्पताल में कोरोना वायरस के आइसोलेशन वार्ड में इलाज हेतु वेंटीलेटर पर थे। निर्मल सिंह खालसा जो पिछले ही दिनों इंगलैंड से वापिस अपनी धरती पर पहुंचे थे, उनके देहांत की खबर फैलते ही सिख पंथ को काफी आघात पहुंचा है। भाई निर्मल सिंह खालसा की मौत के बाद पंजाब में कोरोना वायरस के दौरान मरने वालों की संख्या 5 हो चुकी है।  
65 वर्षीय निर्मल सिंह खालसा की मौत के बाद उनके 5 परिवारिक सदस्यों , दो ड्राइवरों समेत 2 अन्य सहयोगियों को भी हिदायतें देकर एकांतवास में रहने का हुकम सुनाया गया है, जबकि प्रशासन ने उनके अमृतसर स्थित रिहायशी स्थल के समस्त इलाके को सील बंद करते हुए सैनेटाइज करना शुरू कर दिया है। निर्मल सिंह के देहांत की खबर जैसे ही पंजाब में फैली तो उनके रिहायशी स्थल अमृतसर और फिरोजपुर के अतिरिक्त नानकेगांव झंडवाला भीमेशाह में शोक सी लहर दौड़ गई। भाई निर्मल सिंह का बचपन अपने नानके गांव में व्यतीत हुआ और आरंभिक शिक्षा इसी गांव से ली थी।
स्मरण रहे कि इंग्लैंड से लौटने के बाद हुजूरी रागी ने चंडीगढ़ व दिल्ली में हुए धार्मिक समागमों में भी हिस्सा लेने गए थे, जिसमें सैकड़ों लोग शामिल थे। उनके घर को जाने वाली गली को सील कर दिया है। साथ ही उनकी ट्रेवल हिस्ट्री खंगाली जा रही है। सिविल सर्जन डॉ. प्रभदीप कौर जौहल के अनुसार हुजूरी रागी को खांसी व जुकाम की शिकायत थी। उन्हें 30 मार्च को सांस की तकलीफ होने पर सरकारी मेडिकल कॉलेज गुरुनानक देव अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में लाया गया था, जबकि 29 मार्च को उनके हुए टैस्ट श्री गुरू रामदास रिसर्च इंस्टीच्यूट आफ मेडिकल साइंस में हुए थे, जिसके बाद उन्हें अगली जांच के लिए सरकारी मैडीकल कॉलेज और अस्पताल में रेफर किया गया था। 
जिक्रयोग है कि भाई निर्मल सिंह सचखंड श्री दरबार साहिब के ऐसे पहले एकमात्र हुजूरी रागी थे, जिन्हें पदमश्री से नवाजा गया था। उधर निर्मल सिंह खालसा के देहांत पर एसजीपीसी अध्यक्ष भाई गोबिंद ङ्क्षसह लोगोंवाल, श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह, तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह समेत अन्य पंथक शख्सियतों ने दुख सांझा करते उसके वारिसों से संवेदनाएं प्रकट की है। शिरोमणि कमेटी के प्रधान लोंगोवाल ने कहा कि भाई निर्मल सिंह खालसा पंथ के नामवर रागी थे, जिनके देहांत पर सिख कोम को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। 
उन्होंने करतारपुरख के आगे अरदास की कि वे भाई साहिब को अपने चरणों में स्थान दे।  इसी दौरान तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह ने भी भाई निर्मल सिंह के देहांत को दुखदाई करार देते कहा कि रागबद्ध कीर्तनी शैली के विशेषज्ञ भाई खालसा की रूखसती कोम को हमेशा खलती रहेंगी। शिरोमणि कमेटी के मुख्य सचिव डॉ रूप सिंह ने बेवक्त मौत पर कहा कि सिख जगत की इस बुलंद हस्ती का चले जाना दुखदाई है। इनके साथ ही अन्य शख्सियतों ने भी भाई निर्मल सिंह के स्वर्गवास पर अफसोस जताया। 
– सुनीलराय कामरेड

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