चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को राज्य के आपदा प्रबंधन समूह से मानवीय आपदाओं के लिए मानक परिचालन प्रक्रियाएं तय करने को कहा। उन्होंने संगरूर जिले में 150 फुट गहरे बोरवैल में से दो साल के बच्चे को जीवित नहीं बचा पाने की दुखद घटना के बाद यह बात कही। एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार सिंह ने सभी उपायुक्तों से राज्य में सभी खुले बोरवैलों पर रिपोर्ट मांगी है और उन्हें भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया कि उन्होंने निर्देश दिया है कि किसी भी जिले में ऐसा खुला बोरवैल नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि लोगों के पास उनके इलाके में इस तरह के किसी खुले बोरवैल की जानकारी है तो वह हेल्पलाइन नंबर 0172-2740397 पर यह जानकारी दे सकते हैं। इस सोमवार को ही दो साल का हुआ फतेहवीर सिंह बोरवैल में 125 फुट की गहराई में फंस गया था।
संगरूर के भगवानपुरा गांव में खेत में खेलते हुए वह कपड़े से ढके बोरवैल में गलती से गिर गया। चार दिनों से अधिक समय तक चले असफल बचाव कार्य के बाद बोरवेल से मृत अवस्था में निकाले गए दो वर्ष के बच्चे फतेहवीर सिंह को गांव वालों ने अश्रुपूर्ण विदाई दी। एक अधिकारी ने बताया कि करीब 110 घंटे तक बोरवेल में रहने के बाद बचावकर्मियों ने सुबह पौने पांच बजे बच्चे को बाहर निकाला।
जीवनरक्षक प्रणाली से लैस एक एंबुलेंस में बच्चे को पीजीएमआईआर चण्डीगढ़ ले जाया गया और उसके साथ एंबुलेंस में डॉक्टर भी गए। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ दिन पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी। पीजीआई के फोरेंसिक चिकित्सा विभाग में डॉक्टर वाई एस बंसल और डॉक्टर सेंथिल कुमार की टीम ने बच्चे का पोस्टमार्टम किया। विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर ‘‘लापरवाही’’ बरतने के आरोप लगाए हैं।