लुधियाना-फरीदकोट : पंजाब पुलिस के खाकी वर्दीधारी आई.जी. परमराज सिंह उमरानंगल जो फरीदकोट की जिला और सेशन अदालत द्वारा जमानत के उपरांत पटियाला स्थित केंद्रीय जेल की सलाखों से रिहा हो गए। रिहाई होने के बाद उमरानंगल ने गुरूद्वारा दुख निवारण साहिब में नतमस्तक होकर परमात्मा का शुक्राना अदा किया।
पिछले दिनों बहिबल गोलीकांड के मामले में एसआईटी द्वारा गिरफतार किए गए पंजाब के पूर्व आईजी परमराज सिंह उमरानंगल को आज फरीदकोट की जिला और सेशन अदालत द्वारा कोटकपूरा गोलीकांड से संबंधित दर्ज मामले में चलते मुकदमे तक जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। पंजाब सरकार द्वारा बनाई गई विशेष जांच टीम (सीट) द्वारा उमरानंगल को 18 फरवरी के दिन उस वक्त गोलीकांड के मामले में गिरफतार किया था, जब वह सीट की जांच टीम के बुलावे पर जांच में शामिल होने के लिए आए थे। इससे पहले पंजाब- हरियाणा हाईकोर्ट ने परमराज सिंह उमरानंगल को ब्लैककेट बेल दी थी।
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अदालत ने साफ किया था कि अगर एसआईटी उमरानंगल को किसी अन्य मामले में गिरफतार करती है, तो उसको 7 दिन पहले गिरफतारी की जानकारी देनी होंगी। अब अदालत द्वारा पक्की जमानत मिलने पर उमरानंगल के पटियाला जेल से बाहर आने की संभावनाएं प्रबल है।
चर्चा थी कि एसआईटी उमरानंगल को बहिबल गोलीकांड के मामले में गिरफतार कर चुकी है। पुलिस को अब गिरफतारी से पहले 7 दिन का नोटिस देना होंगा, इस पश्चात अब अदालत द्वारा खाकी वर्दीधारी अधिकारी को डबल राहत मिल गई है। गोलीकांड में नामजद होने पश्चात पंजाब सरकार ने परमराज सिंह उमरानंगल को इंस्पेक्टर जनरल के पद से बरखास्त कर दिया था।
हालांकि उनके खिलाफ गोलीकांड की जांच बाकाया है। पंजाब में बेअदबी और गोलीकांड की जांच के लिए बनाई विशेष टीम ने उमरानंगल की गिरफतारी के उपरांत 26 फरवरी तक पुलिस रिमांड पर रखा था, इसके बाद उमरानंगल को 14 -14 दिन की न्यायिक हिरासत में रखा गया। उधर गोलीकांड के शहीद हुए किशन भगवान सिंह के बेटे ने बातचीत करते हुए इस फैसले की आलोचना की और कहा कि वह फैसले को दुरूस्त करवाने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
– सुनीलराय कामरेड