लुधियाना-जालंधर : पंजाब में विभिन्न सियासी पार्टियों के उतार-चढ़ाव के बीच बढ़ती तपशी की तरह सियासी पारा तेजी से गर्माहट की तरफ बढ़ रहा है। 19 मई को होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए लुधियाना में नामांकन भरने पहुंचे शिअद-बीजेपी के सांझा उम्मीदवार महेश इंदर गरेवाल और पीडीए (पंजाब डैमोक्रेटिक एलाइंस) के उम्मीदवार और चर्चित विधायक सिमरजीत सिंह बैंस के समर्थक आपस में उलझ गए। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे को भददी गालियां दीं और नौबत गुत्थम-गुत्था तक पहुंच गई।
सिमरजीत सिंह बैंस नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए फिरोजपुर रोड़ स्थित मिनी सचिवालय में अपने साथ नशे से मरने व कर्ज की वजह से खुदकुशी करने वाले पांच परिवारों के सदस्यों को साथ लेकर आए थे। वह अपने कुछ समर्थकों के साथ चुनाव अधिकारी के कार्यालय में चले गए। पंद्रह मिनट बाद महेश इंदर गरेवाल अपने समर्थकों के साथ वहां पहुंचे और वह भी चुनाव अधिकारी के पास चले गए, लेकिन दोनों के समर्थक चुनाव अधिकारी के कार्यालय से डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर लगी बैरिकेडिंग के पास ही खड़े थे।
चलती कार जलकर हुई राख, आग में जिंदा जला पूर्व सरपंच
इसके बाद गरेवाल समर्थक हर-हर मोदी घर-घर मोदी और हमारा एमपी गरेवाल के नारे लगाने लगे, तभी मृतकों की फोटो गरेवाल समर्थकों को दिखाते हुए पीडीए वर्कर्स ने नशे के व्यापारी होने और बेअदबी कांड के गुनहगार बताकर नारेबाजी शुरू कर दी। दोनों दलों के कार्यकर्ता एक दूसरे से बिल्कुल सटकर खड़े थे। इतने में एक बैंस समर्थक ने गाली दे दी। इसके बाद दोनों दलों के समर्थकों में धक्का-मुक्की और हाथापाई शुरू हो गई। पुलिस ने तुरंत स्थिति को संभाल लिया और दोनों दलों के समर्थकों को दूर-दूर कर दिया, लेकिन फिर भी वह एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। आधा घंटा माहौल काफी तनावपूर्ण बना रहा।
सिमरजीत बैंस जैसे ही नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद समर्थकों के साथ सचिवालय से बाहर जाने लगे तो अकाली कार्यकर्ताओं ने उन्हें घेरने का प्रयास किया, लेकिन पुलिसकर्मी उनके सामने दीवार बनकर खड़े हो गए और बैंस समर्थकों के साथ वहां से चले गए। इस दौरान भी दोनों तरफ से जोरदार नारेबाजी हो रही थी। पहले बैंस समर्थक ने गाली दी थी, जिससे बात बिगड़ गई। वे लोग नशा तस्करी के आरोप लगा रहे थे, जबकि उनके साथ खुद नशे के साथ पकड़े गए लोग आए हुए थे। सबसे ज्यादा नशा अकाली-भाजपा गवर्नमेंट के समय में ही बिका है। नशे के कारण ही युवकों की मौत हुई है। कर्जे के कारण किसानों ने खुदकुशियां की है।
उधर जालंधर में भी नामांकन पत्र भरने के लिए आए अकाली-भाजपा प्रत्याशी चरणजीत सिंह अटवाल और बसपा पीडीए संयुक्त उम्मीदवार बलविंद्र कुमार के समर्थकों में तीखी बहसबाजी होने के बाद हालात तनावपूर्ण हो गए। डीसी कार्यालय में जंग सा माहौल देखने को मिला। दोनों ही पार्टियों के कार्यकर्ता एकदूसरे पर आरोप लगाकार ललकारत दिखे। बसपा कार्यकर्ताओं ने जहां मोदी के खिलाफ नारेबाजी की तो भाजपाइयों ने हर हर मोदी के नारे लगाएं। फिल्हाल पुलिस दोनों पार्टियों के वर्करों के मध्य दीवार की तरह डटी दिखी और मामला ठंडा होते ही कई घंटों बाद वर्कर चलते दिखे।
– सुनीलराय कामरेड