लुधियाना : पंजाब के बहुचर्चित सिटी सेंटर लुधियाना के कथित बहुकरोड़ी घोटाले में विजिलेंस द्वारा दाखिल की गई केस की कलोजर रिपोर्ट को अदालत ने मंजूर करते हुए इस केस में आरोपी बनाए गए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह समेत सभी आरोपियों को क्लीन चिट दी है।
इस केस में कैप्टन अमरेंद्र सिंह के अतिरिक्त उनके बेटे रणइंदर सिंह, दामाद रमिंदर सिंह और अन्य 29 इस मामले में आरोपित थे। लुधियाना की जिला एवम सेशन जज गुरबीर सिंह की अदालत में आज हुकमों के उपरंात सभी आरोपी उपस्थित थे। सुनवाई के दौरान कोर्ट परिसर में भारी सुरक्षा बंदोबस्त किए गए थे और सुबह से ही प्रत्येक शख्स को कड़ी सुरक्षा जांच के बाद पुलिस द्वारा दाखिल होने की इजाजत दी जा रही थी।
लंबी चली सुनवाई के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि अदालत ने हमारी दलीलों को मान लिया है। हमारे खिलाफ झूठे आरोप लगाकर केस दर्ज किया गया था। वहीं कोर्ट का फैसला आने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जश्न का माहौल है। कार्यकर्ताओं ने कोर्ट परिसर के बाहर लड्डू बांटकर अदालत के फैसले का स्वागत किया। यह मामला सितंबर 2006 में सामने आया था।
स्मरण रहे कि विजिलेस ब्यूरो ने पहले ही सिटी सेंटर घोटाले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की हुई है और 12 साल पहले एजेंसी ने इस मामले में एफआइआर दर्ज की थी। विजिलेस ने अगस्त 2017 में क्लोजर रिपोर्ट दायर की थी और जिसकी सुनवाई लंबी चली।
सुनवाई के दौरान कई याचकाओं को खारिज किया गया था, जिसमें कलोजर रिपोर्ट की वैधता पर सवाल उठाया गया था और अदालत से इसे खारिज करने की मांग की गई थी। कलोजर रिपोर्ट को चुनौती देने वालों में पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी, पूर्व विजिलेस एसएसपी कंवरपाल सिंह संधू, लुधियाना के आत्मनगर इलाके से निर्वाचित विधायक टीम इंसाफ पार्टी के सिमरजीत सिंह बैंस और आरकेटैक्ट सिटी सेंटर सुनील कुमार भी शामिल थे।
फैसला सुनाते वक्त जज गुरबीर सिंह ने कहा की किसी भी आरोपित के खिलाफ क्रिमिनल केस के सुबूत नहीं मिले हैं। इसलिए केस से सभी की बरी किया किया जाता है। इसी के साथ अदालत ने मामले को बंद करवाने के लिए विजिलेंस ब्यूरो की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया। मुख्यमंत्री बुधवार दोपहर करीब 2.56 बजे अदालत परिसर में पहुंचे। इस दौरान उनके साथ कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु भी थे। उनके आते ही कांग्रेसी नेताओं ने घेर लिया। पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल की अगुवाई में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच में उन्हें कोर्ट के अंदर ले जाया गया।
मुख्यमंत्री की पेशी के मद्देनजर जिला अदालत परिसर व आसपास के क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। मिनी सचिवालय के मेन गेट से लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी गई। जिसके चलते कोर्ट और डीसी ऑफिस आने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
अदालत में सरकारी व आरोपित पक्ष की तरफ से मंगलवार को बहस पूरी हो गई थी। इसके बाद सेशन कोर्ट ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और सिटी सेंटर मामले में नामजद अन्य आरोपितों को 27 नवंबर को बाद दोपहर अदालत में पेश होने के निर्देश दिए थे।
– सुनीलराय कामरेड