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सिटी सैंटर केस में अमरेंद्र की मसीबतें बढी, गवाह ने दी क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती

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लुधियाना : पंजाब के मुखयमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह को तथाकथित सिटी सैंटर के बहुकरोडी घौटाले में विजिलैंस ब्यूरो द्वारा क्लीन चिट मिलने के बावजूद उन्हें अभी राहत मिलती नहीं दिख रही है। इस केस में विजिलैंस की क्लोजर रिपोर्ट को केस से संबंधित एक गवाह सुनील कुमार डे ने आज अदालत में चुनौती दे दी है। इससे पहले लोक इंसाफ पार्टी के एमएलए सिमरजीत सिंह बैंस भी क्लोजर रिपोर्ट को अदालत में चुनौती दिये हुए है। मालूम होकि विजिलैंस ने इस केस में अमरेंद्र सिंह सभी आरोपियों को क्लीन चिट दे दी थी तथा अदालत में केस की क्लोजर रिपोर्ट फाइल कर दी थी। अदालत ने आज सुनवाई के दौरान इस अर्जी के आने के बाद केस की अगली सुनवाई 21 नवंबर रख दी है। सिटी सेंटर घौटाले में क्लोजर रिपोर्ट पर विधायक बैंस द्वारा दायर की गई अर्जी पर आज जिला एवं सैशन जज गुरबीर सिंह की अदालत में सुनवाई होनी थी। लेकिन सुनवाई शुरू होते ही सुनील कुमार डे ने अपने वकीलों के माध्यम से क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती देते हुए अपनी अर्जी दाखिल कर दी जिस पर न्यायधीश ने संज्ञान लेते हुए इसे 21 नवंबर पर अगली सुनवाई के लिए रख लिया है।

हालांकि आज की सुनवाई के दौरान विधायक बैंस की अर्जी पर कुछ रह गए शेष आरोपियों ने जहां अपना जवाब दाखिल करना था व इस पर अपनी बहस करनी थी लेकिन सुनील कुमार डे द्वारा अपनी अर्जी दाखिल किये जाने के चलते बैंस की अर्जी पर कोई निर्णय नहीं हो सका। सुनील कुमार डे ने अपनी अर्जी में दावा किया है कि विजिलैंस पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद उनके बतौर गवाह सीआरपीसी की धारा 161 के तहत बयान दर्ज किये थे। लेकिन विजिलैंस पुलिस ने राजनीतिक दबाव के चलते कैप्टन अमरेंद्र सिंह सहित अन्य को क्लीन चिट देते हुए क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी है। जोकि गलत है। जबकि इस मामले में सरकार को करोडों रूपये का नुकसान हुआ है, जोकि घोटाले के कारण हुआ है। उन्होंने कहा कि कई अनियमितताओं के चलते विजिलैंस पुलिस ने यह मामला दर्ज किया था लेकिन अब सरकार बनते ही क्लोजर रिपोर्ट फाइल कर दी। सुनील कुमार डे ने अदालत से उन्हें धारा 173 (8) सीआरपीसी के तहत क्लोजर रिपोर्ट में शामिल करने का आग्रह किया है ताकि वो विजिलैंस पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट को चैलेंज कर सके और अदालत के समक्ष सही तथ्य ला सके।

यहां उल्लेखनीय है कि पूर्व की पेशी पर ही पंजाब प्रॉसिक्यूशन विभाग के डायरेक्टर विजय सिंगला व जिला अटार्नी रविंदर कुमार अबरौल बहस कर चुके है। वहीं, बैंस के वकीलों द्वारा भी अपनी बहस की जा चुकी है। उधर, कैप्टन के वकील भी बैंस की अर्जी को आधारहीन बताते हुए इसे खारिज करने की अपील कर चुके है और उनका कहना है कि यह कोई सिविल केस नहीं है, जिसमें कोई भी खुद को पार्टी बनने के लिए अदालत के पास अर्जी दे और विजिलैंस पुलिस ही इस मामले को खत्म करने का अधिकार रखती है। और जिसने नियमों के अनुसार पूरी जांच करने के बाद ही कैप्टन अमरेंद्र सिंह व अन्य को बेकसूर पाते हुए अदालत में अपनी क्लोजर रिपोर्ट फाइल की है। मामले की अगली सुनवाई 21 नवंबर को होगी।

– सुनीलराय कामरेड

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