पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने देश के लिए चीफ़ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सी.डी.एस) के पद सृजन को लेकर प्रधानमंत्री के कल के ऐलान का स्वागत करते हुये देश की रक्षा सेनाओं के कमांड ढांचे को मजबूत बनाने के लिए एक अहम कदम बताया।
मुख्यमंत्री ने आज यहां एक बयान में कहा कि इस माँग को पूरा करने के लिये केन्द्र सरकार का फैसला सराहनीय है और कारगिल युद्ध के संदर्भ में समकालीन यू.पी.ए सरकार ने सबसे पहले यह प्रस्ताव रखा था। यह कदम भारतीय सेनाओं के कमांड और कंट्रोल सिस्टम को सुधारने के लिए सहायक सिद्ध होगा।
उन्होंने कहा कि सी.डी.एस का सुझाव पिछली यू.पी.ए सरकार के समय पर वर्ष 2009 में नरेश चंद्रा कमेटी द्वारा स्थायी रूप में स्टाफ कमेटी के मुखियों का चेयरमैन (सी.ओ.एस.सी) लगाने के तौर पर पेश किया गया था।
उन्होंने कहा कि चाहे यह फ़सला उस समय पर लागू नहीं किया जा सका था। ऐसे पद की सृजन करने से रक्षा सेनाओं में और ज्यादा तालमेल और एकजुटता होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सी.डी.एस से तीनों ही रक्षा सेनाएं थल सेना, जल सेना और वायु सेना के एकजुट होने से उनकी ताकत और बढ़गी। सी.डी.एस के रक्षा सेनाओं से सम्बन्धित मामलों में भारत सरकार के सलाहकार की भूमिका निभाने की संभावना है जो एक पेशेवर संस्था के तौर पर राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में केंद, सरकार को अपनी सलाह दिया करेगा।
कैप्टन सिंह ने कहा कि देश के सुरक्षा माहौल और इसको पेश चुनौतियों के संदर्भ में आने वाले वर्षों में सी.डी.एस की भूमिका और भी अहम होगी। उन्होंने कहा कि इन सेनाओं के आकार और पेचीदगी के मद्देनजऱ एक कंट्रोल यूनिट होना भारत के लिए इच्छा की अपेक्षा त्ररूरत अधिक है।