लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

अमरिंदर ने सुखबीर की केंद्रीय बजट की सराहना को बताया ‘चापलूसी’

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने वर्ष 2020-21 के केंद्रीय बजट को किसान और गरीब समर्थक बता कर इसकी सराहना करने के शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के बयान को कोरी चापलूसी और बेशर्मी बताया है।

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने वर्ष 2020-21 के केंद्रीय बजट को किसान और गरीब समर्थक बता कर इसकी सराहना करने के शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के बयान को कोरी चापलूसी और बेशर्मी बताया है। 
कैप्टन सिंह ने हैरानी जताई कि कृषि विशेषज्ञों और किसान संगठनों द्वारा ठुकराए गए केंद्रीय बजट में श्री बादल को कृषि और किसानों के लिए कौन सा सकारात्मक पक्ष दिखा है। 
उन्होंने कहा कि सत्ता के नशे में चूर भारतीय जनता पार्टी को किसानों की दिक्कतें तो क्या दिखाई देनी थीं लेकिन श्री बादल भी भाजपा के प्यार में इतना खोया हुआ है कि उन्हें भी इस दिखावटी बजट में कुछ गलत नहीं दिखा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में राज्य के तीन मंत्री होने के बावजूद भाजपा -शिअद गठबंधन न केवल पंजाब बल्कि देशभर में बड़े स्तर पर कर्ज के बोझ तले दबे किसानों के लिए कर्ज राहत योजना सुनिश्चित करने में असफल रहा है। 
मुख्यमंत्री ने कृषि सैक्टर के लिए 15 लाख करोड़ रुपए के बजट आवंटन की सराहना करने वाले श्री बादल पर हमला जारी रखते हुये कहा कि अकाली नेता यह स्पष्ट करे कि वह कृषि और इसके साथ जुड़ क्षेत्रों के लिए गत वर्ष की अपेक्षा केवल 10 प्रतिशत की वृद्धि को किसानों को कर्ज के गम्भीर संकट से मुक्त कराने के लिए कैसे पर्याप्त समझते हैं? उन्होंने कहा कि इतनी कम रकम के आवंटन से अगले दो सालों में किसानी की आमदनी दुगुनी होने की कैसे उम्मीद की जा सकती है। 
कैप्टन ने कहा कि श्री बादल का कृषि क्षेत्र में पैदा हो रहे गम्भीर संकट को मानने से इनकार करना अकालियों के त्रमीनी स्तर से पूरी तरह अपरिचित व्यवहार को दर्शाता है। उन्होंने कटाक्ष किया कि राजनीतिक और निजी हितों के चलते पंजाब की जनता के साथ ऐसे बर्ताव ने ही उनका राजनीतिक कद छोटा कर दिया है। 
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पंजाब में बेहतर कार्य कर रही है जबकि सभी समस्याओं के दीर्घकालीन हल के लिये एक राष्ट्रीय नीति बनाई जाये जिसमें कर्ज माफी, सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य और फ़सल विविधिकरण आदि भी शामिल हो। दुख की बात है कि बजट में फ़सल विविधिकरण को बढ़वा देने के लिये कुछ नहीं किया गया जबकि सच्चाई यह है कि अनाज के बफर स्टॉक के चलते राज्य और किसान पहले ही दबाव में हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

10 + eleven =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।