पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ लोगों की प्रतिक्रिया को स्वाभाविक बताया। उन्होंने कहा कि सीएए के खिलाफ लोगों की प्रतिक्रिया स्वाभाविक है क्योंकि केंद्र की भाजपा सरकार इस कानून के जरिये देश के संवैधानिक और सामाजिक ढांचे को नष्ट करने की कोशिश कर रही है।
चंडीगढ़ में विधानसभा के बाहर मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएए, राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) थोपने की अपनी योजनाओं में लोगों की संभावित प्रतिक्रिया को समझने में भाजपा की केंद्र सरकार विफल रही है। उन्होंने कहा कि जाहिर था कि समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता के देश के लोकतांत्रिक आदर्शों को नष्ट करने के केंद्र के प्रयासों पर लोग में रोष हो।
कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि यह रोष समाप्त नहीं होगा बल्कि तब तक बढ़ेगा जब तक केंद्र सरकार अपनी गलती महसूस कर कानून वापस नहीं लेती। अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए आयोजित बैंक्वेट में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को न बुलाये जाने को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दुर्भाज्ञपूर्ण है और कांग्रेस सरकारों में ऐसा कभी नहीं हुआ। उन्होंने आगे कहा कि हालांकि वह आम आदमी पार्टी की नीतियों के समर्थक नहीं हैं लेकिन दिल्ली स्कूलों में अमेरिका की फर्स्ट लेडी के दौरे के समय दिल्ली के मुख्यमंत्री को बुलाया जाना चाहिए था।
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उन्होंने कहा कि यह परंपरा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जैसा कोई महत्वपूर्ण व्यक्ति दौरे पर हो और उनकी पत्नी किसी प्रांत के स्कूल में जाये तो वहां के मुख्यमंत्री को बुलाया जाए। निजी बिजली कंपनियों से किये बिजली खरीद समझौते रद्द करने की मांग के संबंध में पूछने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि संयंत्र बंद करना सही विकल्प नहीं होगा पर उनकी सरकार समझौतों पर फिर से वार्ता करेगी।