पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बृहस्पतिवार को दिल्ली की ओर मार्च कर रहे किसानों को रोकने के लिए भाजपा नीत हरियाणा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके खिलाफ ‘‘कठोर बल’’ का इस्तेमाल ‘‘पूरी तरह अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक’’ है।
पंजाब के किसानों को केन्द्र के कृषि संबंधी कानूनों के खिलाफ प्रस्तावित ‘दिल्ली चलो’ मार्च के लिए हरियाणा से लगी सीमाओं के पास इकट्ठा होता देख, हरियाणा ने पंजाब से लगी अपनी सभी सीमाओं को पूरी तरह सील कर दिया है।
सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘ हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की सरकार किसानों को दिल्ली जाने से क्यों रोक रही है? शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ क्रूर बल का इस्तेमाल अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है।’’ उन्होंने कहा कि किसान कृषि कानून के खिलाफ दो महीने से पंजाब में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं। सिंह ने पूछा, ‘‘ बल का सहारा लेकर हरियाणा सरकार उन्हें क्यों उकसा रही है? क्या किसानों को शांतिपूर्ण तरीके से एक सार्वजनिक राजमार्ग से गुजरने का अधिकार नहीं है?’’
For nearly 2 months farmers have been protesting peacefully in Punjab without any problem. Why is Haryana govt provoking them by resorting to force? Don’t the farmers have the right to pass peacefully through a public highway? @mlkhattar pic.twitter.com/NWyFwqOXEu
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) November 26, 2020
हरियाणा पुलिस ने बृहस्पतिवार को पंजाब के किसानों के एक समूह को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें की और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। ये किसान केन्द्र के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्तावित ‘दिल्ली चलो’ मार्च के तहत कथित तौर पर पुलिस अवरोधक लांघ कर हरियाणा में दाखिल होने की कोशिश कर रहे थे।
पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक ‘‘ दुखद विडंबना’’ है कि संविधान दिवस पर किसानों के संवैधानिक अधिकार का ‘‘ दमन ’’ किया जा रहा है। सिंह ने कहा, ‘‘ यह बेहद दुखद विडंबना है कि 2020 संवैधानिक दिवस पर किसानों के संवैधानिक अधिकारों का इस तरह से दमन किया जा रहा है। खट्टर जी, उन्हें आराम से वहां से निकलने दें, उन्हें उकसाए नहीं। उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से अपनी आवाज दिल्ली तक पहुंचाने दें।’’
उन्होंने भाजपा से आग्रह किया कि वह मनोहर लाल खट्टर नीत सरकार को किसानों के खिलाफ ‘‘क्रूर बल’’ का इस्तेमाल ना करने का निर्देश दे। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं भाजपा से उनकी राज्य सरकार को किसानों के खिलाफ ‘‘क्रूर बल’’ का इस्तेमाल ना करने का निर्देश देने का आग्रह करता हूं। जो हाथ देश को खाना खिलाते हैं उन्हें थामा जाना चाहिए, धकेला नहीं जाना चाहिए।’’
‘ऑल-इंडिया किसान संघर्ष कोर्डिनेशन कमिटी’ , राष्ट्रीय किसान महासंघ और भारतीय किसान यूनियन के विभिन्न धड़ों ने केन्द्र पर हाल के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का दबाव बनाने के लिए 26-27 नवम्बर को ‘दिल्ली चलो’ का आह्वान किया था।