लुधियाना-पटियाला : भारतीय हवाई सेना के एंटोनोव ए.एन-32 विमान हादसे के दौरान अन्य साथियों के साथ शहीद होनेे वाले पटियाला जिले के समाना कस्बे से संबंधित 27 वर्षीय फ्लाइंग लेफ्टिनेंट मोहित गर्ग का अंतिम संस्कार समाना स्थित शमशान घाट में हजारों की संख्या में मोजूद नगर वासियों और वारिसों की मोजूदगी में कर दिया गया।
इस अवसर पर वायु सेना के अधिकारियों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज और शहीद मोहित की कैप को उनकी धर्मपत्नी आस्था के सुपुर्द बड़े अदब और सत्कार से शहीद को याद करते हुए सौपा गया। आस्था असम में ही एक बैंक अधिकारी के तौर पर कार्यरत है। मोहित के पिता सुरिंद्रपाल और अन्य पारिवारिक रिश्तेदारों ने बताया कि मोहित शुरू से ही होनहार युवक था और अकसर भारत मां की सेवा के लिए तत्पर रहता था।
स्मरण रहे असम के जोरहाट में मोचुका के नजदीक 3 जून को उड़ान भरने के बाद फ्लाइंग लेफ्टिनेंट मोहित गर्ग का यह जहाज अरूणाचल प्रदेश में लापता हो गया था। इस हादसे मे मोहित गर्ग के 8 अन्य साथियों समेत 13 लोगों की मौत हो गई थी और बीती रात सभी मृतक देहों को बड़े अदब और सत्कार के साथ दिल्ली लाया गया था। आज मोहित का पार्थिव शरीर शुक्रवार सुबह समाना लाया गया। उनको कई गणमान्य लोगों ने अंतिम विदाई और श्रद्धांजलि दी।
लंबे इंतजार के बाद शुक्रवार सुबह समाना निवासी फ्लाइंग लेफ्टिनेंट मोहित गर्ग का पार्थिव शरीर उनके घर लाया गया। उनके अंतिम दर्शन करने और श्रद्धांजलि देने के लिए लोग उमड़ पड़े। इस दौरान मोहित के परिजनों की हालत लोगों को भावुक बना रही थी। परिजनों का विलाप लोगों की आखें नम कर देती थीं। इसके बाद उनकी पार्थिव देह को अंतिम विश्राम स्थल सती धाम ले जाया गया। इस दौरान लोग मोहित गर्ग अमर रहें का घोष कर रहे थे। अंतिम संस्कार से पहले सेना व पुलिस के जवानों ने पार्थिव शरीर को सलामी दी1 इसके बाद सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया।
अंतिम संस्कार के समय अंबाला एयरपोर्ट बेस हेड एसएस कायला के साथ पंजाब के शिक्षा मंत्री विजेंद्र सिंगला, समाना के विधायक काका राजिंदर सिंह, डिप्टी कमिश्नर कुमार अमित के अलावा सेना के अधिकारी एवं शहर के लोग मौजूद रहे। सभी ने नम आंखों के साथ मोहित गर्ग को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। वीरवार रात को मोहित का पार्थिव शरीर असम से हवाई जहाज से अंबाला पहुंचा। वहां से शुक्रवार सुबह वाहन से पार्थिव शरीर को समाना उनके घर लाया गया।
उल्लेखनीय है कि 3 जून को भारतीय वायुसेना का विमान एएन-32 जोराहाट से उड़ान भरने के कुछ देर बाद लापता हो गया था। उसे कई दिनों तक वायुसेना के विमान ढूंढते रहे और फिर एक पहाड़ी पर इसका मलबा मिला। मौसम खराब होने के कारण विमान में सवार 13 क्रू सदस्यों के पार्थिव शरीर जोराहाट नहीं लाए जा सके थे। बुधवार को मौसम साफ होने के बाद दुर्घटनास्थल से शहीद क्रू सदस्यों के पार्थिव शरीर जोराहाट के बैस कैंप में लाए गए।
– सुनीलराय कामरेड