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नाराज सिद्धू ने इस्तीफा वापसी के लिए कांग्रेस आलाकमान के सामने रखी तीन बड़ी शर्तें, क्या होगा फैसला

कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष के पद से अचानक इस्तीफा देने के एक दिन बाद चुप्पी तोड़ते हुए नवजोत सिंह सिद्धू ने पुलिस महानिदेशक, राज्य के महाधिवक्ता और ‘‘दागी’ नेताओं की नियुक्तियों पर बुधवार को सवाल उठाए।

कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष के पद से अचानक इस्तीफा देने के एक दिन बाद चुप्पी तोड़ते हुए नवजोत सिंह सिद्धू ने पुलिस महानिदेशक, राज्य के महाधिवक्ता और ‘‘दागी’ नेताओं की नियुक्तियों पर बुधवार को सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि वह किसी भी तरह की कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं लेकिन अपने सिद्धांतों पर हमेशा डटे रहेंगे। 
दागी नेताओं की नियुक्तियों पर सिद्धू ने उठाये सवाल 
राज्य में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले कांग्रेस को एक नए संकट में डालते हुए, सिद्धू ने चरणजीत सिंह चन्नी कैबिनेट के नए मंत्रियों को विभागों के आवंटन के तुरंत बाद मंगलवार को अपना इस्तीफा दे दिया। इस बीच, मंत्री परगट सिंह, अमरिंदर सिंह राजा वारिंग, विधायक इंद्रबीर सिंह बोलारिया और कांग्रेस की पंजाब इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष पवन गोयल सहित पार्टी के कई नेता बुधवार को उनसे मिलने पटियाला स्थित उनके आवास पहुंचे। सिद्धू ने बुधवार को ट्विटर पर चार मिनट का एक वीडियो साझा करते हुए लिखा, ‘‘हक़-सच की लड़ाई आखिरी दम तक लड़ता रहूंगा …।’’ 
वीडियो जारी कर रखी अपनी बात 
सिद्धू ने वीडियो में कहा, ‘‘ मेरे प्यारे पंजाबियों, मेरे 17 साल के राजनीतिक सफर का उद्देश्य केवल….पंजाब के लोगों के जीवन को बेहतर बनाना, बदलाव लाना और मुद्दों की राजनीति पर आवाज उठाना रहा है। यही मेरा ‘धर्म’ और मेरा कर्तव्य रहा है। आज तक मेरी किसी से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है, न ही मैंने कोई व्यक्तिगत लड़ाई लड़ी है। मेरी लड़ाई मुद्दों और पंजाब समर्थक एजेंडे पर रही है, जिसके लिए मैं लंबे समय से आवाज उठाता रहा हूं।’’ सिद्धू ने कहा, ‘‘ मेरे पिता ने एक बार मुझसे कहा था कि जब कभी भी भ्रम हो, हमेशा नैतिक मूल्यों से समझौता किए बिना सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए।’’ 

 पंजाब पुलिस के महानिदेशक की नियुक्ति से नाराज सिद्धू 
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी इकबाल प्रीत सिंह सहोता को पंजाब पुलिस के महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। सहोता का स्पष्ट तौर पर जिक्र करते हुए, सिद्धू ने कहा, ‘‘ आज मैंने देखा कि उन मुद्दों पर समझौता हो रहा है।’’ सहोता फरीदकोट में गुरु ग्रन्थ साहिब की बेअदबी की घटनाओं की जांच के लिए तत्कालीन अकाली सरकार द्वारा 2015 में गठित एक विशेष जांच दल के प्रमुख थे। सिद्धू ने कहा, ‘‘ जिन्होंने छह साल पहले बादल को क्लीन चिट दी थी…ऐसे लोगों को न्याय दिलाने की जिम्मेदारी दी गई है….।’’ 
सिद्धू द्वारा महाधिवक्ता एपीएस देओल को हटाने की मांग 
सिद्धू ने एपीएस देओल की राज्य के नए महाधिवक्ता के रूप में नियुक्ति पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, ‘‘ मेरी आत्मा कांप उठती है, जब मैं देखता हूं कि जिन लोगों ने ‘पक्की जमानत’ दिलाई है, वे महाधिवक्ता बनाए गए हैं। यह क्या एजेंडा है ?’’ देओल पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता हैं और पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी के वकील रह चुके हैं। वह पूर्व शीर्ष पुलिस अधिकारी का उनके खिलाफ कई मामलों में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। 
सिद्धू बोले – हमेशा सिद्धांतों पर डटा रहूंगा 
सिद्धू ने कहा, ‘‘ जो लोग मुद्दों की बात करते थे, वे मुद्दे अब कहां हैं?… क्या हम इन माध्यमों से अपनी मंजिल तक पहुंचेंगे। ‘गुरु साहिब’ के न्याय के लिए लड़ने और पंजाब के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए…..मैं कोई भी बलिदान दूंगा लेकिन हमेशा सिद्धांतों पर डटा रहूंगा।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘दागी’’ नेताओं और अधिकारियों वाली व्यवस्था हटाए जाने के बाद वापस लाई जा रही है और ‘‘ मैं इसका विरोध करता हूं।’’ 
राणा गुरजीत सिंह से सिद्धू की रार 
उनका इशारा चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में राणा गुरजीत सिंह को शामिल किए जाने की ओर था। सिंह को उनके अतीत को लेकर कुछ पार्टी नेताओं द्वारा विरोध जताए जाने के बावजूद मंत्रिमंडल में शामिल किया गया।अमरिंदर सिंह के मंत्रिमंडल से सिंह को रेत खनन संबंधी निविदाओं की नीलामी में कथित अनियमितताओं के आरोपों के चलते इस्तीफा देना पड़ा था। 
सिद्धू – आलाकमान को गुमराह नहीं होने दूंगा 
सिद्धू ने कहा कि न तो वह पार्टी आलाकमान को गुमराह कर सकते हैं और न किसी को ऐसा करने देंगे। उन्होंने कहा कि उन्होंने हमेशा सही और सच के लिए आवाज उठाई है। सिद्धू को अमरिंदर सिंह के साथ टकराव के बीच 18 जुलाई को कांग्रेस की पंजाब इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। अमरिंदर सिंह ने दस दिन पहले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। 

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