जैसे-जैसे पंजाब के विधानसभा चुनाव निकट आ रहे है,वैसे-वैसे सूबे की सियासत भी गरमा रही है। आज यानी मंगलवार को प्रदेश की सत्ता बैठी कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा। कांग्रेस के विधायक राणा गुरमीत सिंह सोढी ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने किया स्वागत
भाजपा का दामन थामते हुए राणा गुरमीत सिंह सोढी का पंजाब भाजपा के चुनाव प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उनका स्वागत किया। इसके साथ ही वहा पर केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और दिल्ली सिख गुरद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रमुख मनजिंदर सिंह सिरसा व वरिष्ठ भाजपा नेता दुष्यंत गौतम भी मौजूद थे।
भाजपा का कमल थामने के बाद बोले सोढ़ी- मैंने पंजाब की भलाई के लिए यह फैसला लिया है
भाजपा का हाथ थामने के बाद गुरमीत सिंह सोढ़ी ने कहा, 'मैंने पंजाब की भलाई के लिए यह फैसला लिया है। पीएम मोदी और बीजेपी पंजाब को बचा सकते हैं।' गुरमीत सिंह सोढ़ी ने कहा, 'कांग्रेस ने राज्य की सुरक्षा और सांप्रदायिक शांति व्यवस्था को दाव पर लगा दिया है। कांग्रेस की धर्मनिरपेक्ष छवि अब पूरी तरह नष्ट हो चुकी है। कांग्रेस में यह आपसी लड़ाई पंजाब के लिए खतरनाक हालात पैदा कर रही है।'
अनिल देशमुख पर लगा 50 हजार रुपये का जुर्माना, मुख्यमंत्री कोविड-19 राहत कोष में करना होगा जमा, जानिए पूरा मसला
सोढी को चन्नी की कैबिनेट में नहीं मिली थी जगह
आपको बता दें कि राणा गुरमीत सिंह सोढी कैप्टन अमरिंदर सिंह की पूर्ववर्ती सरकार में मंत्री रहे हैं। इसके अलावा उन्हें अमरिंदर का बेहद ही खास माना जाता है। राजनीतिक हलको में ऐसी खबरें है कि उन्हें अमरिंदर के करीबी होने की वजह से मौजूदा चरणजीत सिंह चन्नी की कैबिनेट में जगह नहीं मिली थी।
अमरिंदर सिंह के करीबी माने जाते हैं सोढी
राणा गुरमीत सिंह सोढी को कैप्टन अमरिंदर सिंह का करीबी समझा जाता है. गुरमीत सिंह सोढी विधानसभा क्षेत्र गुरु हर सहाय विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह के कार्यकाल में गुरमीत सिंह राणा को कैबिनेट मंत्री का दर्जा हासिल था, जहां पर सोढी खेल मंत्रालय कार्यभार संभाल रहे थे।
पंजाब के दिग्गज नेताओं में शुमार राणा गुरमीत सिंह
राणा गुरमीत सिंह को पंजाब के दिग्गज नेताओं में शुमार किया जाता है। गुरमीत सिंह लगातार चार बार विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर चुके हैं। 2002 में गुरमीत सिंह विधायक चुने गए थे। इसके बाद गुरमीत सिंह सोढी 2007, 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव में भी जीत दर्ज करने में कामयाब रहे। 2018 में कांग्रेस पार्टी की ओर से गुरमीत सिंह को चीफ व्हिप भी बनाया गया था।
अमरिंदर सिंह दे रहे कांग्रेस को झटका
उधर, दूसरी तरफ, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह लगातार अपनी पुरानी पार्टी कांग्रेस को बड़े झटके दे रहे है। अमरिंदर को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद से कई कांग्रेसी नेताओं के पार्टी छोड़ने के कयास लगाए जा रहे थे।कैप्टन अमरिंदर सिंह पहले ही दावा कर चुके हैं, कांग्रेस के कई विधायक उनके संपर्क में हैं और जल्द ही पार्टी बदल सकते हैं। विधानसभा चुनाव के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बीजेपी के साथ गठबंधन किया है।