पंजाब मंत्रिमंडल ने सभी धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी की सजा उम्रकैद तय करने के लिए सी.आर.पी.सी. और आई.पी.सी में संशोधन करने को आज मंजूरी दे दी है।
इस आशय का निर्णय मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। इसके अलावा 24 अगस्त से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र के दौरान पेश किये जाने वाले सात बिलों को भी मंजूरी दी।
बैठक में आई.पी.सी। में धारा 295 -ए.ए. शामिल करने की मंजूरी दे दी है जिसके अंतर्गत धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के इरादे से गुरु ग्रंथ साहिब, श्रीमद, भगवद गीता, कुरान और बाइबल को नुकसान या बेअदबी करने वाले को उम्रकैद की सजा होगी।
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बैठक में अपराध प्रक्रिया संहिता (पंजाब संशोधन बिल -2016 ) और भारतीय दंड सहिंता (संशोधन बिल -2016 ) को वापस लेने का फ़सला किया जो वर्ष 2016 में पास किये गए थे।अब‘द कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर (संशोधन बिल -2018 और इंडियन पैनल कोड (संशोधन बिल -2018 को विधानसभा सत्र में पेश किये जाने को मंजूरी दी गई।
मंत्रिमंडल ने अनुसूचित जातियों के हितों की रक्षा के लिए एस.सी। मुलाजिमों को पदोन्नति में ग्रुप -ए और बी के लिए 14 प्रतिशत और ग्रुप -सी और डी के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण बहाल करने के लिए एक बिल विधानसभा में पेश करने की मंजूरी दे दी है। इस बिल के पास हो जाने से भारतीय संविधान की धारा 16 (4) (ए) के मुताबिक पदोन्नतियों में आरक्षण का लाभ 20 फरवरी, 2018 से अमल में लाने के लिए रास्ता साफ हो जायेगा।
ज्ञातव्य है कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने 20 फरवरी को‘पंजाब राज्य अनुसिचत जातियों और पिछड़ श्रेणियों (सेवाओं में आरक्षण) एक्ट -2006’की धारा 4(3), 4(4), और 4(8) को रद्द कर दिया था जिसके बाद सरकार ने अनुसूचित जातियों के मुलाजिमों के ग्रुप -ए और बी के लिए 14 प्रतिशत और ग्रुप -सी और डी के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण बहाल करने का फ़सला किया है।
बैठक में एक अहम फैसले के तहत विधानसभा में बिल लाकर पंजाब राज्य उच्च शिक्षा कौंसिल के गठन को मंत्रूरी दे दी है। इसका उद्देश्य राज्य में उच्च शिक्षा के योजनाबद्ध और समान विकास को सुनिश्चित करना है। इस कौंसिल के प्रमुख मुख्यमंत्री होंगे तथा उच्च शिक्षा मंत्री इसके उप चेयरमैन और उच्च शिक्षा के प्रशासनिक सचिव इसके मैंबर सचिव होंगे। इस कदम से राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान -2(रूसा) के अगले पड़व के लिए प्राथमिक शर्त को पूरा किया जा सकेगा जिससे राज्य केंद्रीय स्कीमों के अंतर्गत ग्रांटें लेने के योज्ञ हो जायेगा।
मंत्रिमंडल ने संसदीय मामले विभाग के प्रस्ताव को मंत्रूरी देते हुए पंजाब विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता को सरकारी कार की जगह अपनी निजी कार के इस्तेमाल की इजात्रत दे दी है।विरोधी पक्ष के पूर्व नेता ने सरकारी वाहन की जगह पर अपने प्राईवेट वाहन को इस्तेमाल करने की इजात्रत मांगी थी जिसके बाद विभाग ने यह प्रस्ताव पेश किया था।
बैठक में इस कदम को अमल में लाने के लिए‘द सेलरी एंड अलांऊस ऑफ नेता ऑफ ओपोजीशन इन लैजिस्लेचिव असेंबली एक्ट -1978’की धारा -8 में संशोधन करने के प्रस्ताव को मंत्रूरी दे दी है। इस बारे में विधानसभा में पेश किया जाने वाले बिल के मसौदे को तैयार करने के लिए कानून विशेषज्ञों के पास भेजा जायेगा।
बैठक में निकाय विभाग द्वारा‘पंजाब म्यूनिसिपल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमैंट फंड एक्ट -2011’में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है जिससे मौजूदा एक्ट की मियाद 2037 -38 तक हो जायेगी।
इस फ़सले से राज्य में अर्बन मिशन के अंतर्गत जल सप्लाई और सिवरेज और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लाटों के चल रहे कामों को मुकम्मल करने के लिए आवास एवं शहरी विकास निगम (हुडको) से लिए जाने वाला 1540 करोड़ रुपए का कर्ज मिलने में सहायता मिलेगी। सहकारिता विभाग (लेखा) और रक्षा सेवाएं कल्याण विभाग की साल 2016 -17 की प्रशासकीय रिपोर्टों को मंजूरी दे दी गई।