लुधियाना- अबोहर : बीते दिनों पंजाब के शहर अबोहर के प्रसिद्ध फाइनांसर बलजिंद्र सिंह के 12 वर्षीय बच्चे अरमान का अपहरण करके उसका बेरहमी से कत्ल करने वाले दोषियों का स्थानीय वकीलों ने केस ना लडऩे का फैसला किया है। आज वकीलों की बार एसोसिएशन के प्रधान अमरदीप सिंह बब्बू धालीवाल की अगुवाई में हुई बैठक के दौरान उन्होंने यह फैसला किया।
स्मरण रहे कि 36 दिन पहले अबोहर निवासी अरमान को 2 अपहरणकर्ताओं ने अपहरण करके मार दिया था और बीते ही कल इस मामले का पुलिस ने खुलासा करते हुए अरमान की लाश बरामद की थी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक यह कारिस्तानी बच्चे के पिता की जान-पहचान वालों ने साजिश के तहत की थी, कयोंकि वे ब्याज के 40 लाख रूपए हड़पना चाहते थे और इसीलिए उन्होंने साजिश रचाकर मां-बाप का इकलौता मासूम किडनैप कर लिया। अरमान डीएवी स्कूल में सातवीं कक्षा का छात्र था।
जिला पुलिस प्रमुख भूपिंद्र सिंह के मुताबिक अपहरणकर्ताओं ने सवा महीना पहले 17 अक्तूबर को अपहरण करके अगले ही दिन कत्ल कर दिया था। कातिलों ने बच्चे के एक दर्जन से अधिक वीडियो, संदेश रिकार्ड करके बलजिंद्र सिंह से 2 करोड़ की वसूली वसूलने के लिए पुराना मोबाइल खरीदकर किसी तीसरे शख्स के मोबाइल का डाटा प्रयोग करते हुए संदेश भी भेजे।
पुलिस ने सूचना तकनीक के आधार पर अबोहर और चंडीगढ़ यू.एस.ए स्थित फेसबुक के मुख्यालय से तालमेल करके कातिलों को काबू किया है। इस समस्त केस का दर्दनाक पहलू यही है कि अरमान दोनों अपहरणकर्ताओं को व्यकितगत तौर पर जान-पहचान होने के कारण उनके पैरों को छूता रहा था लेकिन कातिलों का दिल रस्सी से अरमान का गला दबाते समय बिलकुल भी नहीं पिघला। पुलिस ने पकड़े कातिलों की पहचान पवन कुमार उर्फ अंकी पुत्र फूलचंद और सुनील कुमार उर्फ शीलू पुत्र मोहन लाल कस्बा अज़ीमगढ़ के रूप में हुई है। पुलिस ने कातिलों के कब्जे से अरमान का अपहरण करने वाली आल्टो कार और मोबाइल फोन भी बरामद कि या है।
उल्लेखनीय है कि नई आबादी निवासी फाइनांसर बलजिंद्र ङ्क्षसह के इकलौते पुत्र अरमान संधू को अक्तूबर महीने की 17 तारीख को एक मोटर साइकिल पर आए अज्ञात व्यकित ने अपने साथ बिठाकर ले गया था और पुलिस ने तभी से ही शिकायत मिलते ही उसको ढूंढने के प्रयास में कई टीमें बनाकर जांच शुरू कर दी थी।
करीब 16 दिन खामोश रहने के बाद 3 नवबंर को अपहरणकर्ताओं ने एक सेब की पेटी में ईंटे भरकर उसमें 2 करोड़ की फिरौती लेने संबंधी खत रखकर एक रिक्शे के द्वारा बलजिंद्र ङ्क्षसह के घर भेज दिया, तभी से पुलिस ने अपहरणकर्ताओं को पकडऩे के लिए ताना-बाना शुरू कर दिया। फिर कातिलों ने फेसबुक के जरिये बलजिंदर से संपर्क किया। साजिश को अंजाम देने के लिए दोनों ने मलोट से एक पुराना फोन खरीदा था और फेसबुक किसी अन्य के हॉट स्पॉट का इस्तेमाल कर चलाते थे। आरोपितों ने पैसे लेकर कभी मलोट रेलवे ट्रैक पर, कभी डंगरखेड़ा पुल तो कभी अबोहर-मलोट ओवरब्रिज के निकट बुलाया। चूंकि अपहरणकर्ता परिवार के नजदीकी थे इसलिए उन्हें पुलिस की सक्रियता का पता चलता रहता था।
पुलिस द्वारा अपहरणकर्ताओं की मोबाइल काल डिटेल ट्रेस करने उपरांत शुक्रवार को ही दोनों को गिरफतार कर लिया गया, जिसकी निशानदेही पर पुलिस ने मलोट रोड़ स्थित रेलवे ओवर ब्रिज के नजदीक छाडिय़ों में दबी अरमान की लाश बरामद की है। अबोहर पुलिस द्वारा अरमान संधू की लाश मिलने के बाद सरकारी अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए लाई गई जहां डॉक्टर गगनदीप सिंह, डॉक्टर साहिब राम और डॉक्टर नागपाल के पैनल द्वारा लाश का डीएनए टैस्ट की सलाह देने के बाद पुलिस ने मैडीकल कॉलेज फरीदकोट में डॉक्टरों के बोर्ड के पास पोसटमार्टम के लिए भेज दिया है। यह भी पता चला है कि आरोपितों ने अपहरण की एक माह पहले ही तैयारी कर ली थी। यू-ट्यूब देखकर अपहरण व फिरौती का स्टाइल चुना। आरोपित फाइनांसर की जान पहचान के थे, इसलिए अरमान के अपहरण के विरोध में होने वाले धरना प्रदर्शनों में भी वह शामिल होते रहे, ताकि किसी को शक न हो।
– सुनीलराय कामरेड