लुधियाना-अजनाला : पिछले सप्ताह 18 नवंबर को राजासांसी के नजदीक गांव अदलीवाल स्थित निरंकारी भवन में सत्संग के दौरान ग्रेनेड हमला करने वाला मुख्य आरोपी आतंकी ‘अवतार सिंह खालसा’ को भी पुलिस ने गिरफ्तार करके सफलता हासिल की। गिरफतार आतंकी से कई प्रकार के खतरनाक हथियार बरामद होने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता।
पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए कई रिश्तेदारों पर भी दबाव बनाया हुआ था। गिरफ्तारी के उपरांत अवतार सिंह को बख्तरबंद गाड़ी में भारी सुरक्षा के बीच अवतार सिंह खालसा को अजनाला की अदालत में पेश किया गया। ज्यूडिशयल मजिस्ट्रेट राधिका पुरी की अदालत ने 7 दिन के लिए पुलिस रिमांड पर भेजे जाने का हुकम सुनाया। जबकि पहले गिरफतार विक्रमजीत सिंह का 5 दिन के लिए पुलिस रिमांड मिला हुआ है और वह 27 नवंबर को पूरा होने जा रहा है। एसपीडी हरपाल सिंह के मुताबिक पुलिस रिमांड के दौरान अवतार सिंह से पूछताछ की जाएंगी कि उनके आगे के मंसूबे क्या थे?
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सूत्रों के मुताबिक अवतार सिंह खालसा ने कबूल किया है कि उसने अपने दोस्त के साथ इस घटना को अंजाम दिया था। उधर इसी हमले को अंजाम देने वाले एक अन्य आरोपी विक्रमजीत सिंह ने पूछताछ के दौरान माना था कि जिस ग्रेनेड के साथ उन्होंने संगत पर हमला किया, वह ग्रेनेड उन्हें मजीठा हरिया सडक़ पर स्थित एक बाग में पहले से ही दबाया हुआ प्राप्त हुआ था, जिसे फेंककर अवतार सिंह ने हमले को अंजाम दिया था।
पहले गिरफ्तार हुए विक्रमजीत सिंह की शिनाख्त के आधार पर डीएसपी अजनाला हरप्रीत सिंह की अगुवाई में सख्त सुरक्षा प्रबंधों के अंतर्गत मजीठा हरिया सडक़ पर स्थित पलविंद्र सिंह पुत्र प्रीतम सिंह के बाग में लाया गया। जहां उसने उस स्थान की शिनाख्त करवाई जहां से ग्रेनेड मिले थे। वह स्थान बेरी के पेड़ के नीचे एक फुट लंबा और एक फुट चौड़ा और 6 फुट गहरा खडडा था। यह भी पता चला है कि इस मामले में पाकिस्तान के साथ-साथ इटली कनेक्शन भी निकला है।
अवतार सिंह इटली के एक व्यक्ति से लगातार संपर्क में था। यह खुलासा डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए किया है। अवतार सिंह के कब्जे से कुछ हथियार भी बरामद हुए हैं। पुलिस को उम्मीद है कि पूछताछ में और भी कई बड़े खुलासे हो सकते हैं। गत रविवार को अदलीवाल गांव स्थित निरंकारी भवन में चल रहे सत्संग पर ग्रेनेड फेंका गया था। इससे हुए धमाके में तीन लोगों की मौत हो गई और करीब 20 लोग घायल हुए थे।
– सुनीलराय कामरेड