लुधियाना-फरीदकोट : पंजाब के फरीदकोट स्थित दानामंडी में पिछले 192 दिनों से र्निविध्र चल रहे बरगाड़ी इंसाफ मोर्चा आज खत्म हो गया। इसका ऐलान इंसाफ मोर्चा के प्रमुख जत्थेदार भाई ध्यान सिंह मंड द्वारा किया गया। इस मोर्चे की समाप्ति में शामिल हुई सिख संगत द्वारा यह मांग की गई थी कि श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी करने वाले दोषियों को गिरफतार करके सख्त सजाएं दी जानी चाहिए। इस मोर्चे में पंजाब सरकार के 2 केबिनेट मंत्री तृप्त इंद्र सिंह बाजवा और सुखजिंद्र सिंह रंधावा समेत बड़ी संख्या में लोग मोजूद थे।
जानकारी के लिए उल्लेखनीय है कि मोर्चे के दौरान कई बड़े ऐलान भी किए गए, जिनमें बरगाड़ी का नाम सरकारी कागजों में बरगाड़ी साहिब किए जाना प्रमुख है। इस अवसर पर जत्थेदार ध्यान ङ्क्षसह मंड ने यह भी कहा कि वह उपस्थित हुई संगत का धन्यवाद करने 11 दिसंबर को सचखंड साहिब श्री हरिमंदिर साहिब जाएंगे। जहां विधिपूर्वक माथा टेकने उपरांत अगले संघर्ष का ऐलान भी किया जाएंगा।
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इस दौरान पंजाब सरकार द्वारा इन जत्थेबंदियों की मांगें मानने और जेलों में बंद सिख बंदी सिंहों की रिहाई हेतु एक विशेष कमेटी बनाने का ऐलान किया गया है।
दरअसल आज पंजाब सरकार के मंत्रियों के प्रतिनिधिमंडल ने बरगाड़ी मोर्चे में पहुंचकर भरोसा दिलाया कि सिख संगत की समस्त मांगें पूरी होंगी। इस पश्चात संगत में कांग्रेस के प्रति रोष भी देखने को मिला। संगत ने लगातार बादलों को जेल में बंद किए जाने के नारें भी लगाएं। मंत्री सुखजिंद्र सिंह रंधावा के भाषण के बाद संगत ने हाथ खड़े करके विरोध भी जताया। बड़ी गिनती संगत पंडाल से बाहर जाने लगी तो प्रबंधकों ने रोकने की कोशिशें की और स्टेज से बार-बार उनको शांत रहने की अपील की गई।
इस पश्चात बरगाड़ी इंसाफ मोर्चा के लीडर भी दुविधा में घिरे दिखे। आखिर में जत्थेदार मंड ने घोषणा की कि गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी और गोलीकांड के दोषियों को सजा दिलवाने के लिए संघर्ष जारी रहेंगा। अगली रूपरेखा का ऐलान जल्द किया जांएगा। इस दौरान पंथक नेताओं ने गोलमोल तरीके के साथ मोर्चा खत्म करने लेकिन संघर्ष जारी रखने का ऐलान कर दिया। इससे पहले आज सुबह केबिनेट मंत्री सुखजिंद्र सिंह रंधावा और केबिनेट मंत्री तृप्त राजिंद्र सिंह बाजवा ने बरगाड़ी इंसाफ मोर्चे में पहुंची संगत को बेअदबी मामलों की अब तक हुई समस्त कार्यवाही से अवगत करवाया और भरोसा दिया कि जल्द ही सजा खत्म कर चुके सिखों की रिहाई की मांग भी पूरी हो जाएंगी। इससे संगत संतुष्ट नजर नहीं आई।
पंडाल में से आवाजें गूंजती रही कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल समेत सुखबीर सिंह बादल को जेल भेजा जाएं। हालांकि मंत्रियों ने भरोसा दिलाया कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएंगा लेकिन संगत में रोष देखा गया तो मोर्चे के नेता भी दुविधा में फंसे नजर आएं और अंत में संघर्ष जारी रखने का ऐलान करते हुए बरगाड़ी से मोर्चा उठा लेने की घोषणा कर दी और 11 दिसंबर को संगत का सम्मान करके श्री हरिमंदिर साहिब को चले जाने की घोषणा की ।
– सुनीलराय कामरेड