पंजाब प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक अरविंद खन्ना ने कहा है कि वादों से मुकरने में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार ने एक बड़ा रिकॉर्ड बनाया है।
सरकार के ढुलमुल रवैये से किसान आत्महत्या जैसा करने को विवश
खन्ना ने सोमवार को यहां जारी एक बयान में कहा कि श्री मान ने घोषणा की थी कि किसानों की फसलें खराब होने पर मुआवजा पहले दिया जाएगा और गिरदावरी बाद में की जाएगी, लेकिन अब भारी बारिश से गेहूं की फसल खराब हो गई है, किसानों को मुआवजा तो क्या मिलना था, गिरदावरी के लिए उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि मुक्तसर का किसान साधु सिंह सरकार के ढुलमुल रवैये के कारण आत्महत्या जैसा कदम उठाने को विवश हुआ।
फसल को कम कीमत पर बेचने पर मजबूर
उन्होंने लगाया कि राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा मान सरकार द्वारा किसानों को न्यूनतम खरीद मूल्य (एमएसपी) से कम कीमत पर सरसों की फसल बेचने के लिए मजबूर किया जा रहा है। सरसों का एमएसपी 5450 रुपये प्रति कि्वंटल है लेकिन किसानों को 4040 रुपये प्रति कि्वंटल के दाम ही मिल रहे हैं। उन्होंने सरकार से किसानों का शोषण रोकने की गुहार की। उन्होंने सरकार से आगामी धान सीजन के लिए भी निर्बाध बिजली आपूर्ति की व्यवस्था करने की अपील की और कहा कि सरकार जिस तरह अपने हर वादे से मुकर रही है, उससे लगता है कि इस धान के मौसम में भी किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
केजरीवाल को किसानो से कोई मतलब नहीं
खन्ना ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को किसानों और किसानी से कोई सरोकार और न ही कोई अनुभव है। ऐसे में उन्हें राज्य सरकार के माध्यम से ऐसा कोई वादा नहीं करना चाहिए, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को और दिक्कतों का सामना करना पड़ा।