स्वर्ण मंदिर के नजदीक सरायों पर 12 प्रतिशत की दर से माल एवं सेवाकर (जीएसटी) लगाने के फैसले पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार की निंदा की है। उन्होंने कहा कि यह कर स्वर्ण मंदिर के नजदीक आकर सरायों में रहने वाले श्रद्धालुओं की श्रद्धा को निशाना बनाता है।
ट्वीट करके साधा निशाना
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ मैं स्वर्ण मंदिर के नजदीक मौजूद सरायों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाने के केंद्र सरकार के फैसले की निंदा करता हूं। यह कर श्रद्धालुओं की श्रद्धा पर लगाया गया है।’ ’ बता दे कि जीएसटी परिषद ने जून महीने में,होटलों के प्रति दिन 1000 रुपये से नीचे किराये वाले कमरों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया था।
ਕੇਂਦਰ ਸਰਕਾਰ ਵੱਲੋਂ ਸ੍ਰੀ ਦਰਬਾਰ ਸਾਹਿਬ ਨੇੜੇ ਸਥਿਤ ਸਰਾਵਾਂ ‘ਤੇ 12% GST ਲਗਾਉਣ ਦੇ ਫ਼ੈਸਲੇ ਦੀ ਸਖ਼ਤ ਨਿੰਦਾ ਕਰਦਾ ਹਾਂ…ਧਰਮ ਅਸਥਾਨ ਸਭ ਦੇ ਸਾਂਝੇ ਹੁੰਦੇ ਨੇ…ਇਹ ਟੈਕਸ ਸ਼ਰਧਾਲੂਆਂ ਦੀ ਸ਼ਰਧਾ ‘ਤੇ ਲਗਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ…
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) August 2, 2022
ਕੇਂਦਰ ਨੂੰ ਅਪੀਲ…ਤੁਰੰਤ ਇਸ ਫ਼ੈਸਲੇ ਨੂੰ ਵਾਪਸ ਲਿਆ ਜਾਵੇ… pic.twitter.com/yZFC0WetXb
एसजीपीसी ने भी की निंदा
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (एसजीपीसी) ने भी सोमवार को सरायों पर कर लगाने के फैसले को लेकर सरकार की निंदा की थी।एसजीपीसी ने बताया कि उसे जीएसटी परिषद की अधिसूचना मिली है और कमिटी ने स्वर्ण मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को ठहरने के लिए दिए जाने वाले कमरों पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी की वसूली शुरू कर दी है। शीर्ष गुरुद्वारा निकाय ने कहा कि दुनियाभर से लाखों लोग रोजाना मत्था टेकने के लिए स्वर्ण मंदिर आते हैं और उसने उनके ठहरने की व्यवस्था की है।एसजीपीसी के सहायक सचिव (मीडिया) कुलविंदर सिंह ने कहा, ‘‘ लेकिन दुखद है कि भारत सरकार ने सरायों पर जीएसटी लगाकर ‘संगत’ पर अतिरिक्त बोझ डाल दिया है।’’ उन्होंने कहा कि एसजीपीसी ने तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए सरायों का निर्माण गुरुद्वारे के करीब कराया है और वे वाणिज्यिक संपत्ति नहीं हैं, इसलिए उन पर इस तरह के कर अन्यायपूर्ण हैं।
हरसिमरत कौर बादल ने की मांग
इस बीच, पूर्व केंद्रीय मंत्री और बठिंडा से सांसद हरसिमरत कौर बादल ने मंगलवार को प्रधानमंत्री से मांग की कि वह इस कर को वापस लें। उन्होंने कहा कि इस कदम से सिख समुदाय स्तब्ध है।उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘केंद्र सरकार ने श्री दरबार साहिब परिसर के बाहर एसजीपीसी द्वारा संचालित तीन सरायों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाया है जिससे सिख समुदाय स्तब्ध है। ये सराय दुनियाभर से आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा देते हैं और गैर लाभकारी संस्था हैं। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध करती हूं कि तीर्थयात्रियों की श्रद्धा पर कर नहीं लगाएं और इस पूरी तरह से अन्यायपूर्ण निर्णय को वापस लें।’’