पंजाब सरकार 30 प्रिंसिपलों को प्रशिक्षण के लिए सिंगापुर भेज रही है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि इन शिक्षकों के चयन की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है। पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने पिछले महीने सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों की विदेश यात्रा के लिए चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा था कि उन्हें ‘‘कदाचार और अवैधता’’ की शिकायतें मिली हैं। मान ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि उनकी सरकार केवल पंजाबियों के प्रति जवाबदेह है, केंद्र द्वारा नियुक्त राज्यपाल के प्रति नहीं। प्रधानाध्यापकों के दूसरे समूह से बातचीत के बाद मान ने पत्रकारों से कहा कि उनकी सरकार सरकारी स्कूली शिक्षा में गुणात्मक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
हमें सर्वश्रेष्ठ का चयन करना है
उन्होंने जोर देकर कहा कि चयन प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी है और पांच सदस्यीय समिति निर्धारित मानकों के आधार पर प्रधानाध्यापकों का चयन करती है। उन्होंने कहा कि चुने गए लोगों में कुछ शिक्षक शामिल हैं जो राज्य और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता हैं। मान ने कहा, ‘‘ मैं पंजाब के लोगों को बताना चाहता हूं कि इस प्रक्रिया में कोई पक्षपात या ऐसी कोई चीज शामिल नहीं है। वे (प्रधानाचार्य) राष्ट्र का निर्माण करने वाले हैं और हमें सर्वश्रेष्ठ का चयन करना है।’’ जब एक पत्रकार ने सिंगापुर भेजे गए पहले समूह पर उठे सवालों के बारे में पूछा तो मान ने कहा, ‘‘मैंने पहले भी कहा कि मैं तीन करोड़ पंजाबियों के प्रति जवाबदेह हूं।’’
दूसरे समूह का प्रशिक्षण चार से 11 मार्च के बीच होगा
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार की नीति भ्रष्टाचार को कतई बर्दाशत न करने की है और पंजाब में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने में कोई समझौता नहीं किया जा सकता। मान ने कहा कि वह प्रशिक्षण के लिए चुने गए एक प्रधानाचार्य से मिले, जिन्होंने अपने वेतन से अपने स्कूल के लिए सात लाख रुपये दान किए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशिक्षण पूरा होने के बाद प्रधानाचार्यों को किसी भी स्कूल में पदस्थ किया जा सकता है। सिंगापुर के ‘‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन इंटरनेशनल’’ में दूसरे समूह का प्रशिक्षण चार से 11 मार्च के बीच होगा। 36 प्रधानाचार्यों के पहले समूह ने छह फरवरी से 10 फरवरी तक सिंगापुर में एक पेशेवर शिक्षक प्रशिक्षण संगोष्ठी में हिस्सा लिया था।