लुधियाना-अमृतसर : सिखों की सिरमौर संस्था की रूतबा रखने वाली शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के अमृतसर स्थित एसजीपीसी के मुख्यालय तेजा सिंह समुद्री हाल में आज हुए जनरल इजलास के दौरान सिर्फ 10 मिनट में एक बार फिर शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के लगातार तीसरी बार जत्थेदार भाई गोबिंद सिंह लोंगोवाल प्रधान चुन लिए गए। भाई लोंगोवाल के चुने जाने के दौरान पूरे हाउस में जयकारों की गूंज के दौरान परवानगी दी गई।
स्मरण रहे कि भाई लोगोंवाल 29 नवंबर 2017 को पहली बार और फिर 13 नवंबर 2018 को दूसरी बार शिरेामणि कमेटी के प्रधान बने थे। हंगामेदार हुई बैठक के दौरान अधिकांश सदस्यों ने शिरोमणि अकाली दल बादल के प्रधान- सुखबीर सिंह बादल के इशारे पर बीबी जगीर कौर द्वारा घोषित नाम पर सहमति जताते हुए अपना समर्थन बोले सोह निहाल की जयघोष के बीच लोंगोवाल को कमेटी की जिम्मेदारी सौंप दी। बादलों के भेजे लिफाफे में से अतिरिक्त राजिंदर सिंह मेहता को वरिष्ठ उपाध्यक्ष (सीनियर वाइस प्रेसीडेंट) चुना गया। जबकि गुरबख्श सिंह जूनियर उपाध्यक्ष और हरजिंदर सिंह धामी महासचिव चुने गए।
अंतरिम कमेटी सदस्यों के रूप में भूपेंद्र सिंह हरियाणा, जगसीर सिंह डबवाली, गुरपाल सिंह गोरा बटाला, शेर सिंह मंडवाला, परमजीत कौर, जसमेर सिंह अमरजीत सिंह भलाईपुर, सुरजीत सिंह कंग राजस्थान, इंद्रमोहन सिंह लखमीरवाला, मगबिंदर सिंह खापरखेड़ा, कुलदीप कौर टोहरा को भी चुना गया। इससे पहले तेजा सिंह समुद्री हाल में जनरल इजलास शुरू होने से पहले आरंभता की अरदास, सिंह साहिब ज्ञानी रघुबीर सिंह ने की और हुकमनामा श्री हरिमंदिर साहिब के मुख्य ग्रंथी सिंह साहिब जगतार सिंह द्वारा लिया गया और भाई लोंगोवाल ने पिछले साल के दौरान अकाल चलाना कर चुकी बिछड़ी शख्सियत सिखों की रूहों को श्रद्धांजलि दी।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक आज बुधवार को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की आम सभा की बैठक में पदाधिकारियों का चुनाव किया गया। गोविंद सिंह लोंगोवाल को दोबारा अध्यक्ष चुना गया। गोबिंद सिंह लोंगोवाल शिरोमणि कमेटी के 42वें प्रधान बने है और उनका चुनाव सर्वसहमति से हुआ है। वही अन्य पदाधिकारियों के अतिरिक्त 11 आंतरिम सदस्य जिनमें उपेंद्र सिंह असंध, जगसीर सिंह, हरपाल सिंह गोरा, शेर सिंह मतेवाला, बीबी परमजीत कौर खैहरा, जगमेर सिंह, अमरजीत सिंह भलाईपुर, सुरजीत सिंह कंग राजस्थान, इंद्रमोहन सिंह लखबीर वाला, मखविंद्र सिंह और बीबी कुलदीप टोहरा के नाम शामिल है।
एसजीपीसी के पूर्व अध्यक्ष बीबी जागीर कौर ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा और आमसभा ने इसका समर्थन किया। इस तरह से लोगोंवाल सर्वसम्मति से एसजीपीसी के प्रधान चुन लिए गए। इस मोके भाई लोंगोवाल ने पुन: जिम्मेदारी संभालते हुए उपस्थित लोगों को शुक्रिया कहा। शिरेामणि अकाली दल के महासचिव डॉ दलजीत सिंह चीमा, एसजीपीसी महासचिव डॉ रूप सिंह ने भाई लोंगोवाल का मुंह मीठा करवाया।
तीसरी बार शिरोमणि कमेटी के प्रधान चुने जाने के बाद भाई लोंगोवाल श्री हरिमंदिर साहिब में नतमस्तक हुए, इस दौरान उनके साथ नए पदाधिकारी और सदस्य भी मोजूद थे। भाई गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने गुरू साहिब का शुक्राना किया तो मुख्य ग्रंथी सिंह साहिब ज्ञानी जगतार सिंह ने गुरू बख्शीश सिरौपे दिये। तत्पश्चात वे श्री अकाल तख्त साहिब पर गुरू साहिब का शुक्राना करने चले गए। इस दौरान श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह, तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह और तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह गोहर ने प्रधान समेत समस्त पदाधिकारियों को बधाई दी।
इससे पहले दो दिन लगातार चली तूफानी बैठकों के दौर के दौरान शिअद के प्रधान सुखबीर सिंह बादल व महासचिव दलजीत सिंह चीमा ने तेजा सिंह समुंदरी हाल में पार्टी से संबंधित एसजीपीसी सदस्यों से राय ली। सदस्यों ने अध्यक्ष सहित सभी पदों पर चयन करने के अधिकार सुखबीर को सौंप दिया था। जबकि प्रधानगी पद के लिए चल रही चर्चाओं की सुई गोबिंद सिंह लोंगोवाल के अतिरिक्त जत्थेदार तोता सिंह और बीबी जगीर कौर के नामों पर भी आकर टिकी हुई थी ।
डॉ चीमा ने कहा था कि शिअद पारदर्शिता के साथ ही हर सदस्य की राय लेकर पदाधिकारियों का चयन करता है। नियमों के अनुसार पार्टी प्रधान को पदाधिकारियों के चयन के लिए पूरे अधिकार सौंपे जाते हैं।
बैठक में सुखबीर व चीमा के अलावा एसजीपीसी के मौजूदा अध्यक्ष गोंबिंद सिंह लोंगोवाल, पूर्व अध्यक्ष प्रो. किरपाल सिंह बडूंगर व बीबी जागीर कौर ने विचार रखे। इस अवसर पर दयाल सिंह कोलियावाली, भाई मंजीत सिंह, भाई राम सिंह, अरविंदर पाल सिंह पखोके, रघुजीत सिंह विर्क, गुरप्रीत सिंह झब्बर, गुरिंदर सिंह गोरा, मुख्य सचिव डा. रूप सिंह, सचिव अवतार सिंह आदि मौजूद थे।
सुखबीर बादल ने श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव को सफलतापूर्वक संपन्न करवाने के लिए हाउस की प्रशंसा की गई। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष तीन शताब्दियां नवंबर में आएंगी। भगत नामदेव जी का 750वां जन्म शताब्दी आठ नवंबर, बंदी छोड़ दिवस 14 नवंबर व एसजीपीसी की शताब्दी 15 नवंबर को मनाने का ऐलान हो चुका है। अगले एसजीपीसी अध्यक्ष को तीनों शताब्दियां मनाने का अवसर मिलेगा।
– सुनीलराय कामरेड