पंजाब के अबोहर में साल 2015 में एक 27 वर्षीय दलित व्यक्ति की हत्या के मामले में यहां की एक अदालत ने 24 आरोपियों को गुरूवार को उम्रकैद की सजा सुनाई। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जसपाल वर्मा की अदालत ने भीम टांक की नृशंस हत्या के मामले में यह फैसला सुनाया।
सरकारी वकील वजीर काम्बोज ने कहा, ‘अदालत ने भीम टांक हत्याकांड में 24 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।’ जिन अभियुक्तों को दोषी ठहराया गया और आजीवन कारावास की सजा दी गई उनमें शराब कारोबारी शिव लाल डोडा और उसका भतीजा अमित डोडा शामिल हैं।
काम्बोज ने कहा कि उन्हें 302 (हत्या), 120-बी (साजिश) और भारतीय दंड संहिता की अन्य संबंधित धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया था। उन्होंने बताया कि कुल 26 आरोपियों में से एक विवेक उर्फ विक्की को चार साल की सजा सुनाई गई, जबकि एक अन्य को बरी कर दिया गया।
फैसला सुनाए जाने के समय सभी आरोपी अदालत में मौजूद थे। विदित हो कि दिसंबर 2015 में, टांक और उसके सहयोगी गुरजंत सिंह पर रामसरा में शिव लाल डोडा के फार्महाउस पर तेज धार वाले हथियारों से हमला किया गया। वे वहां एक अन्य समूह के साथ झगड़े को सुलझाने के लिए गए थे। दोनों पर डोडा के गुर्गे ने हमला किया था।
टांक के हाथ-पैर काट दिये गये और बाद में अमृतसर के एक अस्पताल में उसकी मृत्यु हो गई। गुरजंत के अंगों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया था और घटना में गंभीर चोटें लगी थीं। पिछली शिअद-भाजपा शासन के दौरान हुई इस घटना से राज्य में आक्रोश फैल गया था और कांग्रेस, जो उस समय विपक्ष में थी, ने तब शिव लाल डोडा को संरक्षण देने का आरोप शिरोमणि अकाली दल पर लगाया था। टांक ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में 2012 का विधानसभा चुनाव भी लड़ा था, लेकिन वह चुनाव हार गये थे।