लुधियाना : श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी मामले और बरगाड़ी कांड के बाद जस्टिस रंजीत सिंह कमीशन की रिपोर्ट पंजाब विधानसभा में पेश होने के बाद शिरोमणि अकाली दल के विरूद्ध लगे आरोपों के बाद अपने सभी पदों से इस्तीफा देकर बादल अकाली दल से नाता तोडक़र अकाली दल को एक विशेष परिवार से मुक्त करवाने का आहवान करने वाले पंथक नेता सुखदेव सिंह ढींढसा के सुपुत्र परमिंद्र सिंह ढींढसा ने अपने पिता के नकशेकदमों पर चलते हुए अकाली दल के विधायक दल नेता के पद से इस्तीफा दिया है। पिछले कई दिनों से 4 बार विधायक रहे परमिंद्र सिंह ढींढसा पर कयास लगाए जा रहे थे कि वह अपने पिता सुखदेव सिंह ढींढसा का पंजाब की सियासत में साथ देंगे या फिर अपनी मां पार्टी से नाता रखेंगेेेे लेकिन आज चुपचिपते अचानक त्यागपत्र की मंजूरी के बाद पंजाब की अकाली सियासत में उबाल आ चुका है।
आज 3 जनवरी 2020 को दिए गए इस्तीफे को शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने स्वीकार कर लिया है। यह जानकारी पार्टी के वरिष्ठ नेता दलजीत सिंह चीमा ने ट्वीट कर दी। हालांकि परमिंद्र सिह ढींढसा द्वारा इस इस्तीफे के पिछले कई दिनों से कयास लगाएं जा रहे थे। स्थापना दिवस के अवसर पर जब अकाली दल के अध्यक्ष के चुनाव के लिए अमृतसर में हुई बैठक से परमिंद्र सिंह ढींढसा ने अपनी दूरी बनाएं रखी थी।
इसी प्रकार पटियाला में अकाली दल के धरने में भी वह शामिल नहीं हुए थे। इससे स्पष्ट होता है कि परमिंदर ढींडसा का अकाली दल से मोह भंग हो गया। इस समय पार्टी के पास पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया और शरनजीत सिंह ढिल्लों सीनियर नेता हैं। उधर सुखदेव सिंह ढींढसा ने अपने बेटे का त्यागपत्र देने की खबरों का स्वागत करते हुए कहा कि बेटा तो बाप के साथ ही रहेंगा।
उल्लेखनीय है कि ऐसी मीडिया रिपोट्र्स सामने आई थीं राज्यसभा सदस्य सुखदेव सिंह ढींडसा, पूर्व स्पीकर रविइंदर सिंह के शिअद टकसाली को समर्थन देने के बाद पंथक धड़े एक साझा मंच बनाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि शिरोमणि अकाली दल पर काबिज बादल परिवार को राजनीतिक तौर पर पीछे किया जा सके।
– सुनीलराय कामरेड