पंजाब कांग्रेस की कलह अभी भी समाप्त नहीं हुई है, मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिंद्धू के बीच सियासी गहमागहमी और तीखी हो गई है। तो वहीं, नवजोत सिंह सिंद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने पर चुटकी लेते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने कहा है कि अब पंजाब में कांग्रेस की नहीं बल्कि जुमलों व चुटकलों की सरकार शुरू हो गई है।
सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस की कमान मिलने पर चुटकी लेते हुये आज यहां कहा कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह तथा सिद्धू के बीच कुर्सी तथा वजूद की चल रही लड़ाई में आखिरकार कैप्टन सिंह को औंधे मुँह गिरा दिया है। कांग्रेस ने एक अध्यक्ष व चार कार्यकारी अध्यक्ष बना कर फिर से पंजाब को हिन्दू और सिखों में बाँट दिया है।
उन्होंने कहा कि पंजाब में कांग्रेस सरकार के अत्याचारों के दिन अब लद चुके हैं और जनता इस बार इन्हें ऐसा सबक देगी कि यह लोग दोबारा सत्ता का मुँह नहीं देख पायेंगें। सिद्धू की गतिविधियों से कांग्रेस हाई कमान भी भली-भांति परिचित है और वह इस कुर्सी और सत्ता की लड़ई को खत्म करने में विफल साबित हुई है। कांग्रेस हाईकमान ने फिलहाल इस पर विराम लगाते हुए सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस की कमान तो सौंप दी है, लेकिन यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। कांग्रेस का यह हाल सिर्फ पंजाब में ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों में भी है।
उन्होंने कहा कि सिद्धू ने कैप्टन सिंह पर जो आरोप लगाए थे अब वो उनके अध्यक्ष बनाने पर खत्म नहीं हुये हैं ये आरोप सिर्फ कुर्सी हासिल करने तक ही सीमित थे,इसका जवाब जनता को देना पड़गा। शर्मा ने कहा कि अमृतसर हल्का पूर्वी से विधायक नवजोत सिंह सिद्धू पिछले साढ़ चार वर्षों से अपने हल्के से गायब थे और जनता ने उनकी गुमशुदगी के पोस्टर भी लगाए हुए हैं। जो नेता अपने हल्के की जनता को लावारिसो की तरह छोड़ कर गायब हो सकता है वो पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में उसे क्या सम्भालेगा।
सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस की कमान मिलने पर चुटकी लेते हुये आज यहां कहा कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह तथा सिद्धू के बीच कुर्सी तथा वजूद की चल रही लड़ाई में आखिरकार कैप्टन सिंह को औंधे मुँह गिरा दिया है। कांग्रेस ने एक अध्यक्ष व चार कार्यकारी अध्यक्ष बना कर फिर से पंजाब को हिन्दू और सिखों में बाँट दिया है।
उन्होंने कहा कि पंजाब में कांग्रेस सरकार के अत्याचारों के दिन अब लद चुके हैं और जनता इस बार इन्हें ऐसा सबक देगी कि यह लोग दोबारा सत्ता का मुँह नहीं देख पायेंगें। सिद्धू की गतिविधियों से कांग्रेस हाई कमान भी भली-भांति परिचित है और वह इस कुर्सी और सत्ता की लड़ई को खत्म करने में विफल साबित हुई है। कांग्रेस हाईकमान ने फिलहाल इस पर विराम लगाते हुए सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस की कमान तो सौंप दी है, लेकिन यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। कांग्रेस का यह हाल सिर्फ पंजाब में ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों में भी है।
उन्होंने कहा कि सिद्धू ने कैप्टन सिंह पर जो आरोप लगाए थे अब वो उनके अध्यक्ष बनाने पर खत्म नहीं हुये हैं ये आरोप सिर्फ कुर्सी हासिल करने तक ही सीमित थे,इसका जवाब जनता को देना पड़गा। शर्मा ने कहा कि अमृतसर हल्का पूर्वी से विधायक नवजोत सिंह सिद्धू पिछले साढ़ चार वर्षों से अपने हल्के से गायब थे और जनता ने उनकी गुमशुदगी के पोस्टर भी लगाए हुए हैं। जो नेता अपने हल्के की जनता को लावारिसो की तरह छोड़ कर गायब हो सकता है वो पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में उसे क्या सम्भालेगा।