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सडक़ों पर रिश्वतखोरी बढ़ाएंगे महंगे चालान – हरपाल सिंह चीमा

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा और उप नेता बीबी सरबजीत कौर माणूंके ने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से ट्रैफिक नियमों की उल्लंघना करने पर जुर्माना राशि में बढ़ौतरी किए जाने से सडक़ों पर रिश्वतखोरी ओर बढ़ेगी।

लुधियाना-कोटईसेखां :  आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा और उप नेता बीबी सरबजीत कौर माणूंके ने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से ट्रैफिक नियमों की उल्लंघना करने पर जुर्माना राशि में बढ़ौतरी किए जाने से सडक़ों पर रिश्वतखोरी ओर बढ़ेगी।
संयुक्त बयान में आम आदमी पार्टी (आप) के सीनियर नेताओं ने कहा कि जुर्मानों में बढ़ौतरी करके ट्रैफिक नियम लागू नहीं करवाया जा सकता, क्योंकि राज्य में ट्रैफिक नियम लागू करवाने के लिए ट्रैफिक पुलिस और अपेक्षित बुनियादी ढांचा ही नहीं है। 
हरपाल सिंह चीमा ने 2016 की एक आरटीआई सूचना के हवाले से कहा कि 1966 में पंजाब में 4000 गाड़ीयां थी और ट्रैफिक पुलिस के 1200 मुलाजिम थे। 2016 तक गाड़ीयों /व्हीकलों की संख्या 1 करोड़ से ऊपर चली गई और ट्रैफिक पुलिस के मुलाजिमों की संख्या केवल 1535 तक पहुंची। नवंबर 2016 की आरटीआई सूचना के अनुसार पूरे मोगा जिले में सिफऱ् 29 ट्रैफिक पुलिस मुलाजिम थे। यही हाल पंजाब के बाकी जिलों का है। दूसरी तरफ राजनीतिज्ञों और अफसरों की सुरक्षा में 15000 से अधिक पुलिस मुलाजिम और अधिकारी तैनात हैं। 
चीमा ने कहा कि ऊपर से ले कर नीचे तक फैले भ्रष्टाचार के माहौल में सडक़ों पर तैनात ट्रैफिक मुलाजिमों का भी बड़ा हिस्सा भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है। जब तक पूरी ट्रैफिक मुलाजिम रिश्वतखोरी पर सख्ती के साथ नकेल, टै्रफिक पुलिस के कामकाज में जीरो राजनैतिक दखल, ड्राइवींग लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया अमरीका-कैनेडा जितनी सख्त और ट्रैफिक नियमों की पालना के बारे में स्कूल स्तर से लेकर बड़े स्तर तक जागरूकता जरूरी, ट्रैफिक लाइटें और दिशा और चेतावनी सूचकोंं समेत वाहनों और जनसंख्या मुताबिक जरुरी बुनियादी ढांचा नहीं दिया जाता,तब तक 10 गुणा जुर्माना बडा कर भी ट्रैफिक नियमों की सही पालना यकीनी नहीं बन सकती। 
बीबी सरबजीत कौर माणूंके ने सवाल किया कि टूटी सडक़ों और आवारा पशूओं-कुत्तों के साथ जो सडक़ हादसे घटते हैं, उनका हरजाना और सजा किस को दी जाए? माणूंके ने कहा कि गलत योजनाबंदी के कारण लुधियाना -मोगा हाईवे के 78 किलोमीटर में सितम्बर 2013 से लेकर अब तक 900 से अधिक जानें जा चुकी हैं। इसी तरह जीटी रोड राजपुरा में एक गलत कट के कारण 40 के करीब मौतें सडक़ हादसों में हो चुकी हैं, उस के लिए सरकारें क्यों सो रही हैं? क्या यह सरकारें और हाईवे अथारिटी की तरफ से ट्रैफिक नियमों की उलंघना नहीं हैं?

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