लुधियाना-अमृतसर : पंजाब विधानसभा में आप विधायकों की पगड़ियों ( दस्तार ) उछाले जाने की शिकायत को लेकर विरोधी पक्ष के नेता एचएस फुलका ने श्री अकाल तख्त साहिब पर जाकर फरियाद की, पार्टी के 5 विधायकों समेत श्री अकाल तख्त साहिब सचिवालय पहुंचे फुलका ने ज्ञानी गुरबचन सिंह जी की गैर मौजूदगी में अपनी लिखित शिकायत अकाल तख्त साहिब सचिवालय के प्रतिनिधि को सौंपी। शिकायत पत्र में उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार के पास विधायक पिरमल सिंह समेत अन्य विधायकों की दस्तारें उतारकर बेअदबी किए जाने के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की है।
आम आदमी पार्टी के विधायक व विधान सभा में विपक्ष के नेता एडवोकेट एचएस फूलका ने मांग की है कि विधान सभा में सिख विधायकों की पगडिय़ों उतारे जाने के मामले में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह धार्मिक रिती रिवाजों और सिख धार्मिक मर्यादा के तहत श्री अकाल तख्त साहिब पर तलब किया जाए। फूलका पार्टी के पांच विधायकों मंजीत सिंह बिलासपुर , कुलवंत सिंह पडोरी महिलकला, पिरमिल सिंह, जै किशन सिंह रोड़ी और अमरजीत सिंह संधोआ समेत श्री अकाल तख्त साहिब पर पहुंचे थे।
इस से पहले वे श्री पार्टी नेताओं और अपने समर्थकों के साथ श्री हरिमंदिर साहिब में माथा टेकने के लिए भी गए। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह की गैर मौजूदगी के दौरान उन्होंने इस संबंधी शिकायत श्री अकाल तख्त साहिब पर जत्थेदार के सचिवालय के निजी सहायक भूपिंदर सिंह को सौंपा ।
फूलका ने इस दौरान बातचीत करते हुए कहा कि पंजाब में कोई लोकतांत्रिक सरकार नहीं बल्कि कांग्रेस का गुंडा राज चल रहा है। पंजाब में धार्मिक रीतियों की ही नहीं बल्कि कानून व्यवस्था की भी धज्जियां उड़ाई जा रही है। विधान सभा के अंदर सिखों की धार्मिक पहचान पगड़ी और महिलाओं की चुन्नियों की बेअदबी की जा रही है।
विधान सभा के अंदर ही विधायकों के साथ मारपीट और धक्कामुकी की गई। यह सब कुछ स्पीकर की ओर से कैप्टन अमरिंदर सिंह के इशारों पर किया गया है। उन्होंने कहा कि जब विधायक मंजीत सिंह बिलासपुर की पगड़ी सदन की जमीन पर गिर गई तब भी विधान सभा का इजलास चलता रहा। 22 जून को सदन में दस्तानों की बेअदबी लम्बा समय तक होती रही।
जब कैप्टन को मीडिया ने भी पगडिय़ों की हुई बेअदबी के संबंध में प्रश्न किया गया तो भी कैप्टन को जवाब निरादर भरा था। इस से साबित होता है कि कैप्टन की सहमति से ही उक्त घटना सदन में हुई है। इस घटना की निंदा सत्ताधारी पार्टी के किसी भी विधायक और मंत्री ने नहीं की है। विपक्षा का नेता होने के कारण जब उनकी ओर से पगडिय़ों की संबंधी निंदा प्रस्ताव भी पेश करने की बात की गइ तो स्पीकर ने निंदा प्रस्ताव पेश करने की इजाजत ही नहीं दी।
इस से पता चलता है कि सरकार सारे मामले में मिली हुई थी। इस लिए हमारी श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार से अपील है कि सिख मर्यादा के अनुसार श्री अकाल तख्त साहिब से कैप्टन अमरिंदर सिंह को उक्त आरोपों के तहत तलब किया जाए। इस अवसर पर उनके साथ आम आदमी पार्टी के विभिन्न नेता भी मौजूद थे।
- सुनीलराय कामरेड