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कैप्टन द्वारा पंजाब के गिरते जलस्तर, वायु और धरती बचाने का दिया संदेश

पंजाब के शहर लुधियाना में स्थित पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के खुले प्रागंण में आज 2 दिवसीय किसान मेले और गडवासू ( गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी ) के पशु-पालन मेले का उदघाटन विधिपूर्वक किया गया।

लुधियाना : पंजाब के शहर लुधियाना में स्थित पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के खुले प्रागंण में आज 2 दिवसीय किसान मेले और गडवासू ( गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी ) के पशु-पालन मेले का उदघाटन विधिपूर्वक किया गया। मुख्यमंत्री और उनके मंत्रीमंडल समेत लवलश्कर और अधिकारियों के पहुंचने से पहले मेले में किसानों के लिए लगाए गए स्टाल वाले दरवाजे बंद रखे गए, जिस कारण पंजाब समेत दूर-दराज इलाकों मसलन हरियाणा, राजस्थान और हिमाचल समेत अन्य प्रदेशों से आए हुए किसानों को काफी परेशानी और धक्के खाने पड़े।
अस्त-व्यस्त और बेतरतीब सरकारी व्यथाओं के चलते किसानों ने प्रबंधकों समेत कैप्टन अमरेंद्र सिंह के वीआइपी कलचर की धज्जियां उड़ाते हुए नारेबाजी करके अपना रोष प्रकट किया। मेले में किसानों के लिए मनोरंजन हेतु पंजाबी गायकी जोड़ी द्वारा एक अलग मंच पर अखाड़ा सजाया गया था। इस मोके बलदेव सिंह ढिल्लों उपकुलपति पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पी.ए.यू), अमरजीत सिंह नंदा उपकुलपति गडवासू आदि भी उपस्थित थे। इस दौरान हजारों की संख्या में तैनात पुलिस कर्मियों ने सुरक्षा बंदोबस्त को चाक-चौबंध कर रखा था। 
उदघाटन के लिए लाल रंग के रिबन कटाई के उपरांत कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने वीआइपी कक्ष में लगे कृषि से संबंधित स्टॉलों पर जाकर अपनी जिज्ञासा को दिखाते हुए आयोजकों को शाबाशी दी। इस उपरांत पंजाब खेतबाड़ी यूनिवर्सिटी के खुले मैदान में सुशोभित मंच पर आए हुए किसानों के भारी इकटठ को संबोधित करते हुए कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने कहा कि 70 फीसदी किसान 5 एकड़ से कम जमीन वाले है।
जोकि धरती का पानी निचले स्तर पर चले जाने के कारण कृषि नहीं कर सकेगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमें पानी की संभाल करनी चाहिए, जिसके लिए कम पानी का प्रयोग करने वाली फसलें लगानी चाहिए। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब में गिरते जलस्तर पर चिंता जताते हुए कहा कि हमें उन फसलों पर ध्यान देना होगा, जिनमें कम पानी इस्तेमाल हो। उन्होंने कहा कि अगर अभी नहीं जागे तो आने वाले 20 साल बाद पंजाब की हालत रेगिस्तान जैसी हो जाएगी।
कैप्टन ने कहा कि हमें पानी, धरती और हवा की संभाल करनी चाहिए। उन्होंने पीएयू और गडवासू के कामों की प्रशंसा करते कहा कि पंजाब सरकार प्रत्येक स्तर पर सहयोग देेंगी। इस अवसर पर सुखजिंद्र सिंह रंधावा केबिनेट मंत्री, रवनीत सिंह बिटटू सांसद लोकसभा लुधियाना, डॉ कर्ण अवतार सिंह मुख्य सचिव, सुरेश कुमार अरोड़ा प्रमुख सचिव सीएम, विश्वजीत खन्ना एडीशनल चीफ सेक्टरी, विधायक कुलदीप सिंह बेर और लखबीर सिंह लक्खा समेत कई कांग्रेसी नेता मोजूद थे।
कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने अपने भाषण के दौरान उपस्थित किसानों को हेप्पीसीडर का प्रयोग करके अपनी पैदावार बढ़ाने का आहवान किया तो पंडाल में उपस्थित किसानों ने हाथ हिलाकर कई बार कैप्टन के खोखले भाषणों का विरोध जाहिर करते हुए नारेबाजी और शोरशराबा किया। किसानों का कहना था कि हेप्पीसीडर का प्रयोग करके उन्हें कुछ फायदा नहीं हुआ। 
संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने जब पराली न जलाने की अपील की तो किसानों ने शोर मचाकर विरोध जताया। इस सीएम ने कहा कि आप सबसे मेरी अपील है। पराली जलाने से पंजाब का ही नुकसान है। कई स्थानों पर पराली जलाने पर फायदा हुआ है। वहीं जब मुख्यमंत्री ने हैप्पी सीडर का इस्तेमाल करने की सलाह दी तो किसानों ने विरोध किया। सीएम ने कहा कि हम सब्सिडी देंगे। आप स्टाल में जा कर हैप्पी सीडर देखें। सीएम ने किसानों को कहा कि अपने बच्चों को आगे रख इस पर विचार करें। उन्होंने किसानों को गुरु नानक जी के 550वें प्रकाश पर्व का वास्ता देकर किसानों से पराली न जलाने की अपील की।
किसानों को संबोधित करते हुए सीएम अमरिंदर सिंह ने कहा कि  पंजाब एग्रीकल्चरल यूनविर्सिटी पर हमें नाज है। यहां के वैज्ञानिक लगातार रिसर्च कर रहे हैं और कई नई फसलों का आविष्कार किया है। डेयरी उद्योग पर बात करते हुए कहा कि गुरदासपुर में नया रिसर्च सेंटर बना रहे हैं, इससे डेयरी उद्योग को लाभ मिलेगा।
पराली फूंकने पर भी मुख्यमंत्री ने चिंता जताई। कहा कि दिल्ली को देखें, जहां वातावरण कितना दूषित हो चुका है। इससे सीख लें और पराली न जलाएं। बाढ़ प्रभावितों के बारे में सीएम ने कहा कि जहां-जहां पर बाढ़ के पानी से नुकसान हुआ है, वहां का आकलन किया जा रहा है। प्रभावित लोगों को जल्द की रहत राशि प्रदान कर दी जाएगी।
 – सुनीलराय कामरेड 

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