लुधियाना-अमृतसर : 30 वर्षीय स्कॉटलैंड वासी प्रवासी सिख जगतार सिंह जौहल की गिरफ़्तारी को लेकर जहां इंगलैड के सांसद तरनजीत सिंह नागी ने भारतीय हाई कमीशन को एक पत्र के जरिए इस गिरफतारी के विरूद्ध रोष प्रकट किया है वही मेयर जगतार सिंह द्वारा नाराजगी जाहिर करने उपरांत आज सैकड़ों सिख नौजवानों ने गुरू की नगरी अमृतसर में हाथों में तख्तियां पकडक़र बंदी सिखों की रिहाई की मांग करते हुए कहा कि भारतीय हुकूमत सिखों के साथ दूसरे दर्जे के शहरियों की तरह व्यवहार करके सिखों को गुलामी का एहसास करवा रही है।
सच्चखंड श्री हरिमंदिर साहिब से चंद कदम दूर सारागड़ी चौक में लगे महाराजा रंजीत सिंह के आदमकद बुत के सामने सिख नौजवानों ने हाथों में बंदीछोड़ की लिखित तख्तियां पकडक़र रोष प्रदर्शन किया और कहा कि वे किसी भी विशेष सिख पंथक संगठन से जुड़े नहीं है परंतु पंजाब सरकार द्वारा जिस प्रकार से विदेशों से आने वाले सिखों को गिरफतार करके अलग-अलग केसों में फसाया जा रहा है उसको लेकर दुनियाभर के सिखों में रोष पाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सिखों की पूरे हिंदुस्तान में गिनती सिर्फ 1.71 फीसदी है और पंजाब की पार्लीमेंट सीटे भी 13 है, जिनमें सिख सांसद सदस्य बहुत मुश्किल से आधे है जिस कारण केंद्र सरकार को सिखों की कोई परवाह नहीं है। उन्होंने कहा कि आज जेलों में सिख भी नाजायज तौर पर बंद करके रखे गए है, जिन्होंने अदालतों द्वारा दी गई सजाएं पूरी कर चुके है, और सरकार भी इस कार्यवाही जहां भारतीय संविधान की उल्लंघना है, वही अंतरराष्ट्रीय नियमों की भी घोर उल्लंघना है।
रोष प्रकट करने वालों में शामिल भाई परमजीत सिंह ने कहा कि उनका रोष पूरी तरह शांतमयी है और वह पंजाब और केंद्र सरकार से मांग करते है कि वह सिखों के साथ दूसरे दर्जे के शहरियों जैसा व्यवहार ना करें और सिखों को इंसाफ देने के लिए जेलों में बंद सिखों को बिना किसी देरी रिहा किया जाएं। इस रोष से स्पष्ट हो रहा है कि सिख नौजवान जागरूक है और देश के राष्ट्रपति की अमृतसर दौरे से एक दिन पहले अपना रोष प्रकट करना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।
– सुनीलराय कामरेड