लुधियाना : सत्ता के गलियारों से लेकर प्रशासनिक खामियां और समाज व देश विराधी तमाम गतिविधियों को अपनी कलम के माध्यम और कैमरों की तीखी नजर से सच्चाई बयां करने वाले तमाम मीडिया कर्मीयों और फोटो ग्राफरों ने पंजाबभर में आज जालंधर से जुड़ी अंग्रेजी दैनिक की महिला रिपोर्टर रचना खेरा और चंडीगढ़ से प्रकाशित प्रमुख अंग्रेजी अखबार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने के विरोध में प्रदर्शन किया। स्मरण रहे कि कल दिल्ली पुलिस ने आधार से जुड़ा डाटा लीक करने का पर्दाफाश करने वाली महिला रिपोर्टर और उससे संबंधित अखबार के विरूद्ध कुछ सियासी हुकमरानों के इशारे पर ने भी मुकदमा दर्ज किया है।
महिला रिपोर्टर ने अपनी खबर के माध्यम से स्टींग आप्रेशन करके आम जनता को आईना की तरह सच्चाई दिखाते हुए लिखा था कि मात्र 500 रूपए में आधार से जुड़ी जानकारी पंजाब में मुहैया करवाई जा रही है। जबकि रचना खेरा का दावा था कि 10 लाख लोगों के आधार डाटा उपलब्ध होने की बात कही गई थी। पत्रकार ने वटसअप के जरिए तीन शख्सों से आधार डाटा प्राप्त करने का दावा किया था। जबकि यूआईडीएआई के प्रबंधकों ने बौखलाहट में आकर अपराध शाखा की साइबर सैल में शिकायत दर्ज करवाते हुए मुकदमा दर्ज करने का अनुरोध किया था।
लुधियाना प्रेस क्लब के आह्वान पर लुधियाना के समूह मीडिया कर्मियों द्वारा आधार लीकेज रिपोर्ट को लेकर आज जिला सचिवालय में गहन विचारविमर्श किया गया। इसी संबंध में रिपोर्टर रचना खेरा और अखबार के खिलाफ दर्ज एफ आई आर के रोष स्वरूप एक ज्ञापन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर डिप्टी कमिश्नर लुधियाना प्रदीप अग्रवाल को सौपा गया, जिसमें एफआईआर को डिसमिस करने की मांग की गई। इस दौरान मीडिया कर्मियों ने काले बिल्ले लगाकर रोष जताया व दर्ज एफ आई आर की क ड़ी आलोचना की। इस मौके पर संबोधित करते हुए सीनियर पत्रकारों वरिंदर प्रमोद बातिश, राजेश भांबी, सुनील राय कामरेड, नीरज मैनरा, अश्वनी जेटली, परमेशर सिंह, तरसेम देवगन, करण कपूर, सरबजीत लुधियानवी ने इस कारवाई को मीडिया की आजादी पर हमला करार देते हुए कहा कि भारत एक आजाद देश है और पत्रकारों को भी अपनी आजादी के मुताबिक प्रशासनिक और सरकारी खामियों को उजागर करने का अधिकार है। उन्होंने यह भी कहा कि अलगअलग संस्थाएं और ताकतवर व्यक्ति हमेशा कलम को झुकाना और दबाना चाहता है, जिसे किसी कीमत पर बरदाश्त नहीं किया जाएंगा।
उन्होंने मांग रखी कि दर्ज एफ आई आर तुरन्त रद्द की जाये। उन्होंने कहा कि रिपोर्टर ने तो केवल अपनी रिपोर्ट के जरिये यूआईडीआई में मौजूद खामियों को उजागर किया है। जो देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता था तथा नागरिकों के मौलिक अधिकरों का हनन हो रहा था। समूह पत्रकारों ने सरकार को चेताया कि अगर तुरंत एफ आई आर खारिज न हुई तो कलम के सिपाही सडक़ों पर उतरने को मजबूर होंगे। इस मौके पर रजनी, नवीन शर्मा, रोहित गौड, अजय नेपाल, विपण जंड, दीपक सेलोपाल, आशुतोश गौतम, प्रतीक आनंद, वरुण भाटिया, विशाल गर्ग, पुनीत बावा, यशपाल शर्मा, कंवलदीप डंग, राजीव तलवार, आर वी सम्राट, कुलविंदर मिंटू, प्रितपाल, नरिंदर मोहिंद्रू, अरुण कुमार, राजिंदर, बिंदर, रूपेश, मोहित बहल, गौतम जालंधरी, राहुल तंवर, मंजीत दुगरी, संतोष पाठक, रोहित कुमार, सेठी चौहान, अरुण कुमार, आदि भी मौजूद थे।
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– रीना अरोड़ा