पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में बॉर्डर सिक्यॉरिटी फोर्स (बीएसएफ) का अधिकार क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर दूर तक बढ़ाए जाने के खिलाफ पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मुकदमा शुक्रवार को रजिस्ट्रार के सामने सूचीबद्ध किया गया है, जिन्होंने अटॉर्नी जनरल के जरिए केंद्र को नोटिस जारी किया। सुप्रीम कोर्ट में चार सप्ताह बाद इस पर सुनवाई होगी।
मामले को शुक्रवार को रजिस्ट्रार के समक्ष सूचीबद्ध किया गया, जिन्होंने अटॉर्नी जनरल के माध्यम से केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया। हालांकि कोर्ट में मामले के जल्द सुनवाई के आसार नहीं है क्योंकि यह मामला चार हफ्ते बाद सुप्रीम कोर्ट की बेंच के सामने आएगा।
नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब सरकार को दी बधाई
पंजाब सरकार की ओर से कोर्ट में केस दाखिल किए जाने पर पंजाब और उसकी कानूनी टीम को बधाई देते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि संघीय ढांचे और राज्यों की स्वायत्तता को बनाए रखने के लिए संविधान में निहित सिद्धांतों को बनाए रखने की लड़ाई शुरू हो गई है। इससे पहले, नवजोत सिंह सिद्धू ने बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का विस्तार करने के केंद्र के कदम पर सवाल उठाते हुए कहा था कि सरकार “एक राज्य के भीतर राज्य” बनाकर देश के संघीय ढांचे को कमजोर कर रही है।
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भी अक्टूबर में केंद्र सरकार के इस कदम की निंदा की थी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस फैसले को वापस लेने का आग्रह किया थ।. इससे पहले, बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 15 किमी का ही था। अपने अधिकार क्षेत्र में, बीएसएफ अधिकारियों को पुलिस में अपने समकक्षों के समान गिरफ्तारी, तलाशी और जब्ती का अधिकार है।
गृह मंत्रालय की अधिसूचना में क्या?
गृह मंत्रालय ने जारी अपनी अधिसूचना में कहा था, “11 अक्टूबर, 2021 को प्रभावी संशोधन उस क्षेत्र को परिभाषित करने में एकरूपता स्थापित करता है जिसके भीतर सीमा सुरक्षा बल तैनाती के अपने क्षेत्रों में अपने कर्तव्यों के चार्टर के अनुसार काम कर सकता है और अपनी भूमिका तथा सीमा सुरक्षा के कार्य का निष्पादन कर सकता है। यह व्यवस्था सीमा पार अपराध को रोकने में बेहतर परिचालन प्रभावशीलता को भी सक्षम करेगी।”
हालांकि गुजरात में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र के तहत क्षेत्र को 80 किमी से घटाकर 50 किमी कर दिया गया है। जबकि राजस्थान में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया और इसे 50 किमी का दायरा ही रखा गया है। पहले की तरह मेघालय, नागालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा, मणिपुर, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में, कोई सीमा निर्धारित नहीं की गई है। सीमा सुरक्षा बल अधिनियम, 1968 (Border Security Force Act, 1968) का सेक्शन 139 केंद्र सरकार को इलाका निर्धारित करने की शक्ति देता है।