लुधियाना : सर्दी के आगमन से पहले कार्तिक महीने में मनाए जाने वाले आस्था के पर्व छठ की शुरूआत आज से बड़ी श्रद्धा और उल्लास के साथ शुरू हो गई। पंजाब के महानगर लुधियाना, जालंधर और पटियाला समेत गुरू की नगरी अमृतसर में भी दूसरे राज्यों से आए हुए प्रवासी परिवारों ने पंजाबियों के साथ मिलकर छठ पूजा को आरंभ किया। हालांकि यह पर्व बिहार के लोगों के लिए सबसे बड़ा माना गया है परंतु आज पंजाब में बसे बिहार के लोगों ने पंजाबी परिवारों के साथ इसकी शुरूआत श्रद्धा के साथ की। छठ पूजा के लिए अधिकांश खरीददारी करने में भक्त जुट दिखे। श्रद्धाभाव से ओतप्रोत भक्तों ने नहरों के किनारे सजे बाजारों में नारियल, गागल, सूखा नारियल, गन्ना और नए कपड़ों के साथ-साथ पुरानी आकृति के मिटटी-बर्तन, फूल और मेवों की खरीददारी की।
लोग आस्था के पर्व छठ पूजा आज नहाए -खाएं के साथ शुरू हो गई जबकि 26 अक्तूबर की शाम अद्र्ध और 27 अक्तूबर की सुबह अद्र्ध होगा। सिद्ध पीठ श्री दंडी स्वामी मंदिर के आचार्य सोहन वेद के अनुसार छठ पूजा के दौरान साफ-सफाई के साथ कठोर नियमों का पालन करना पड़ता है। हिंदू शास्त्रों के मुताबिक यह पर्व सूर्य की किरणों के दुष्परिणाम से बचने और उतम स्वास्थ्य और सौभागय के साथ-साथ पुत्र प्राप्ति व धन-लक्ष्मी के लिए भी किया जाता है। जिन लोगों के विवाह में कोई अड़चन और कार्तिक माह में पैदा होने वाले जातकों के लिए यह अमोद वर्त है।
छठ महापर्व का आगाज देश के साथ पंजाब भर में भी शुरू हो गया। इस दौरान पूजा से संबंधित गीतों से शहर के कई घाट गूंजायमन हुए। लुधियाना में वैसे तो दर्जनों स्थानों पर घाट बनाए गए है लेकिन सबसे बड़ा आयोजन सतलुज दरिया पर हो रहा है। इस दौरान यूपी, बिहार के कई कलाकार छठ मईया का गुनगान करेंगे। जब भगवान सूर्य देव को अद्र्ध दिया जाएंगा।
4 दिन होंगी पूजा : 24 अक्तूबर को छठ पूजा के आरंभ होने के साथ नहाया-खाया पूजा के पश्चात 25 अक्तूबर को खरना पूजा होंगी, 26 अक्तूबर को सूर्य देव को अद्र्ध देंगे और 27 अक्तूबर की सुबह सूर्य देव को अद्र्ध देकर व्रती पालन करें।
– रीना अरोड़ा