लुधियाना-अमृतसर : शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान जत्थेदार भाई गोबिंद सिंह लोंगोवाल द्वारा आज प्रसिद्ध इतिहासकार डॉ कृपाल सिंह को कमेटी के सिख इतिहासिक स्त्रोत संपदा प्रोजेक्ट के निर्देशक के पद से अलग करने का ऐलान किया है। एसजीपीसी द्वारा यह फैसला पंजाब सरकार की तरफ से सिख इतिहास से छेड़छाड़ करने के चल रहे विवाद के चलते लिया गया है।
पंजाब सरकार द्वारा पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की 12वी कक्षा की पुस्तक में सिख इतिहास को बिगाडऩे के मामले पर सिख संगठनों, निहंग सिंह दलों, संत समाज, सिख संप्रदायों, गुरूमति टकसाल के प्रतिनिधियों और सिख बुद्धिजीवियों के साथ हुई बैठक के दौरान सामने आएं विचारों के पश्चात शिरोमणि क मेटी प्रधान गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने पंजाब सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू करने का फैसला लिया।
डॉ कृपाल सिंह एसजीपीसी कमेटी द्वारा सिख इतिहास के प्राचीन स्त्रोतों को संपादित करने का कार्य करवा रहे थे और उनको पंजाब सरकार ने स्लेबस तैयार करने वाली कमेटी का चेयरमैन घोषित किया हुआ था। सिख प्रतिनिधियों से हुई बैठक उपरांत मीडिया से बातचीत करते हुए भाई गोबिंद सिंह लोंगोवाल द्वारा गुरू इतिहास और सिख इतिहास को बिगाडऩे की घिनौनी कार्यवाही विरूद्ध सिख जगत में भारी रोष है।
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उन्होंने पंजाब सरकार की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि बैठक में सभी प्रतिनिधियों ने एक सुर में मुख्यमंत्री स. अमरेंद्र सिंह को गुरू इतिहास बिगाडऩे की अविज्ञा के बदले सिख जगत से माफी मांगने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान सामने आए विचारों को शिरोमणि कमेटी के आगामी जनरल हाउस में विचार किया जाएंगा और अगर कैप्टन अमेेंद्र सिंह को श्री अकाल तख्त साहिब पर पेश होकर सिख कौम से माफी मांगनी चाहिए वही सिख इतिहास को लिखने वाले कमेटी के सदस्यों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएं अन्यथा शिरोमणि कमेटी कानूनी कार्यवाही को अंजाम देंगी।
डॉ कृपाल सिंह की सेवाओं से निलंबित करने संबंधित भाई लोंगोवाल ने कहा कि गुरू इतिहास के बारे में गलत तथ्य सामने आने के बाद उन्होंने अपनी गलती स्वीकार करने की बजाए किताब में शामिल गलत तथ्यों को सही ठहराने का यत्न किया।
इससे पहले तेजा सिंह समुद्री हाल में सिख बुद्धिजीवियों ने बैठक के दौरान पंजाब सरकार द्वारा इतिहास बिगाडऩे की कड़े शब्दों में निंदा की और दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु एसजीपीसी कमेटी का हर स्तर पर सहयोग देने का भरोसा दिया। उपस्थित संगत ने जयकारों की गूंज में भाई लोंगोवाल ने पंजाब सरकार द्वारा गुरू इतिहास बिगाडऩे के विरूद्ध निंदा प्रस्ताव पेश किया।
इस प्रस्ताव में जहां सिख कौम के इतिहास को सामाजिक समानता , आपसी भाईचारे की सांझ और सदभावना का उदाहरण बताया, वही देश की आजादी में 80 फीसदी से ज्यादा कुर्बानियां देने वाले सिखों के साथ हमेशा अन्याय की बात कही। लोंगोवाल ने प्रस्ताव में स्पष्ट शब्दों में इतिहास बिगाडऩे के लिए मोजूदा कांग्रेस सरकार दोषी है और मुख्यमंत्री को इसकी जिम्मेदारी कबूलते हुए सरेआम सिख जगत से माफी मांगकर इस साजिश में शामिल तथाकथित विद्धानों और लेखकों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही करनी चाहिए। इस दौरान अलग-अलग संगठनों के बुद्धिजीव भी शामिल थे।
– सुनीलराय कामरेड