लुधियाना : आम आदमी पार्टी (आप) के प्रतिपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने लगभग साढ़े 1100 करोड़ रुपए वाले लुधियाना सिटी सैंटर घोटाले केस में मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह और अन्य के बरी होने पर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर करते कहा कि यह सत्ता का दुरुपयोग का शिखर है और बादल-कैप्टन की मिलीभुगत का नतीजा है। उन्होंने मांग की कि पंजाब सरकार इस फैसले के विरुद्ध पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में अपील करे।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि लुधियाना सिटी सैंटर घोटाला केस के फैसले ने साबित कर दिया है कि विजीलैंस ब्यूरो और एडवोकेट जनरल दफ्तर सत्ताधारी पक्ष की कठपुतली बन कर कानून और राज्य के हितों को छीके टांग रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि यदि कैप्टन अमरिन्दर सिंह और दूसरे कथित आरोपी घोटाले बाज नहीं हैं तो यह 1144 करोड़ रुपए का बड़ा घोटाला किसने किया? उन्होंने कहा कि विजीलैंस ब्यूरो बड़े-बड़े दावे के साथ पहले लुधियाना सिटी सैंटर घोटाले का केस दर्ज करती है फिर खुद ही क्लोजर रिपोर्ट दायर कर देती है।
चीमा ने कहा कि इस केस ने एक बार फिर साबित किया है कि बादल परिवार और कैप्टन एक दूसरे को करोड़ों अरबों के घोटालों में कैसे बचाते हैं? उन्होंने कहा कि यदि बादल पंजाब और पंजाबियों के हितैषी होते तो कैप्टन और दूसरे कथित दोषी ऐसे न बचते और ठीक इसी तरह यदि कैप्टन को पंजाब के हित प्यारे होते तो बादल परिवार भी 3500 करोड़ रुपए के कथित घोटाले में बरी न होता।
चीमा ने कहा कि यदि ‘आप’ की सरकार होती तो अरबों रुपया के घोटाले बाज कानून से न बचते। उन्होंने कहा कि यदि पंजाब के लोग 2022 में ‘आप’ की सरकार बनाते हैं तो ऐसे घोटालों के केस दोबारा खोलेंगे और ‘दूध का दूध और पानी का पानी’ करके घोटाले बाजों को उनकी बनती जगह पर भेजेंगे।
– सुनीलराय कामरेड