पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहे संकटग्रस्त नागरिकों और आतंकवादियों, उग्रवादियों और गुंडों के के बीच अंतर नहीं कर सकती, तो इसे आम लोगों की पार्टी होने का दिखावा बंद कर देना चाहिए।” उन्होंने कहा कि पार्टी को किसानों की लड़ाई के लिए उनकी छवि खराब करना और शहरी नक्सली कहकर उनके इंसाफ की लड़ाई को बदनाम करना बंद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक पार्टी जो नागरिकों को विरोध करने के उनके लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करने पर उन्हें नक्सली और आतंकवादी करार देती है, उसने नागरिकों पर शासन करने के सारे अधिकार खो दिए हैं।
भाजपा के महासिचव तरुण चुग ने पंजाब के किसानों को शहरी नक्सली करार दिया था, जिसपर सिंह ने कहा कि इस बयान के साथ ही भाजपा नेता ने अपने राजनीतिक एजेंडा को प्रमोट करने के लिए अपनी हताशा प्रदर्शित की है। उन्होंने कहा कि नाराज किसानों द्वारा इस तरह के विरोध प्रदर्शन न केवल पंजाब में, बल्कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे भाजपा शासित राज्यों में भी हो रहे हैं। अमरिंदर ने कहा, “क्या इन सभी जगहों पर विरोध कर रहे किसान आपको नक्सलियों की तरह लग रहे हैं? और क्या इसका मतलब है कि हर जगह कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है?”
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न किसान नेताओं ने खुद आंदोलनकारियों से अपील की थी कि वे मोबाइल टावरों से बिजली न काटें, मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ स्थानों पर यह स्पष्ट रूप से दिख रहा है कि किसान क्रोध में ये कदम उठा रहे हैं, जिन्हें आगे अपना भविष्य अंधकारमय दिख रहा है।