पंजाब कांग्रेस में जहां एक ओर अंदरूनी कलह का दौर चल रहा है, तो वहीं विपक्षी दल आम आदमी पार्टी (आप) ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार को घेरने की पूरी कोशिश की। ज्ञात हो कि अगले साल पंजाब में विधानसभा के चुनाव होने है, ऐसे में आप अपनी राजनीतिक जमीन को मजबूत करने में जुट गई है।
इसी कड़ी में पंजाब विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने कहा है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की किसानों को लूटने और उजाड़ने की नीति पर न चलें और अधिग्रहण की जा रही जमीनों की कीमत किसानों की मांगों के अनुसार दें।
चीमा ने आज यहां कहा कि अमरिंदर सरकार की ओर से भारतमाला सड़क परियोजना के लिए किसानों की जमीनें मात्र 8 से 10 लाख रुपए के मूल्य पर अधिग्रहण की जा रही हैं। पंजाब भर के किसानों में कांग्रेस सरकार के विरुद्ध गुस्सा पाया जा रहा है और किसान अलग अलग स्थानों पर बेहद कम दाम में जमीनें अधिग्रहण करने के विरुद्ध धरने लगा रहे हैं।
उनके अनुसार किसान की जमीन अधिग्रहण होने से भले ही किसान को कुछ पैसे मिल जाते हैं लेकिन किसान परिवार के लिए नई समस्याएं पैदा हो जाती हैं। नई सड़क बनने के कारण जमीन टुकड़ में बंट जाती है, खेत की तरफ जाने का रास्ता बंद हो जाता, पानी की सप्लाई बंद हो जाती और कई बार तो ट्यूबवैल भी बंद हो जाता है।
चीमा ने आज यहां कहा कि अमरिंदर सरकार की ओर से भारतमाला सड़क परियोजना के लिए किसानों की जमीनें मात्र 8 से 10 लाख रुपए के मूल्य पर अधिग्रहण की जा रही हैं। पंजाब भर के किसानों में कांग्रेस सरकार के विरुद्ध गुस्सा पाया जा रहा है और किसान अलग अलग स्थानों पर बेहद कम दाम में जमीनें अधिग्रहण करने के विरुद्ध धरने लगा रहे हैं।
उनके अनुसार किसान की जमीन अधिग्रहण होने से भले ही किसान को कुछ पैसे मिल जाते हैं लेकिन किसान परिवार के लिए नई समस्याएं पैदा हो जाती हैं। नई सड़क बनने के कारण जमीन टुकड़ में बंट जाती है, खेत की तरफ जाने का रास्ता बंद हो जाता, पानी की सप्लाई बंद हो जाती और कई बार तो ट्यूबवैल भी बंद हो जाता है।
उन्होंने बताया कि नई जगह त्रमीन खऱदने, पानी का प्रबंध करने, मकान बनाने और बिजली कनेक्शन लेने आदि जैसी समस्याओं के साथ किसान परिवार को दो चार होना पड़ता है, परन्तु सरकार जमीन के बदले एक बार पैसा देकर किसान परिवार की फिर से पूछती तक नहीं।
आप नेता ने कहा कि कैप्टन सरकार की तरफ से किसानों को अलग अलग जिलों में मौजूदा कलेक्टर रेट पर जमीनों की कीमत दी जा रही है, जो बहुत ही कम है। पंजाब में अलग अलग स्थानों पर किसानों को मात्र 8 से 10 लाख रुपया प्रति एकड़ दिया जा रहा है, जब कि खुले बाजार में त्रमीन की कीमत करोड़ रुपए से त्र्यादा बनती है।
उनके अनुसार आम आदमी पार्टी सूबे के किसानों के साथ सरकारी धक्केशाही नहीं होने देगी क्योंकि किसान तो पहले ही प्रधान मंत्री नरेंद, मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार की तरफ से बनाए गए तीन खेती कानूनों के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की है कि सूबे के किसान की सहमति के साथ जमीनों की कीमत, बर्बादी भत्ता और आगे जमीन खऱदने में छूट देने समेत किसान परिवार के मैंबर को सरकारी नौकरी दी जाए।
आप नेता ने कहा कि कैप्टन सरकार की तरफ से किसानों को अलग अलग जिलों में मौजूदा कलेक्टर रेट पर जमीनों की कीमत दी जा रही है, जो बहुत ही कम है। पंजाब में अलग अलग स्थानों पर किसानों को मात्र 8 से 10 लाख रुपया प्रति एकड़ दिया जा रहा है, जब कि खुले बाजार में त्रमीन की कीमत करोड़ रुपए से त्र्यादा बनती है।
उनके अनुसार आम आदमी पार्टी सूबे के किसानों के साथ सरकारी धक्केशाही नहीं होने देगी क्योंकि किसान तो पहले ही प्रधान मंत्री नरेंद, मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार की तरफ से बनाए गए तीन खेती कानूनों के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की है कि सूबे के किसान की सहमति के साथ जमीनों की कीमत, बर्बादी भत्ता और आगे जमीन खऱदने में छूट देने समेत किसान परिवार के मैंबर को सरकारी नौकरी दी जाए।