पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को कहा कि वह ‘‘खुश और आभारी’’ है कि पाकिस्तान सरकार ने करतारपुर साहिब की यात्रा पर आने वाले सिख श्रद्धालुओं के लिए पासपोर्ट की अनिवार्यता समाप्त करने का निर्णय किया है। अमरिंदर सिंह ने सभी भारतीयों को यह छूट देने का पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान से अनुरोध किया।
इमरान खान ने शुक्रवार को घोषणा की कि भारत से करतारपुर आने वाले सिख तीर्थयात्रियों को पासपोर्ट की आवश्यकता नहीं होगी और गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व तथा उद्घाटन समारोह के दिन उनसे कोई शुल्क भी नहीं लिया जाएगा। अमरिंदर सिंह ने अपने उस मांग को भी दोहराया कि करतारपुर आने वाले भारतीय श्रद्धालुओं से 20 डॉलर का सेवा शुल्क नहीं लिया जाए।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मैं इमरान खान की पीटीआई सरकार द्वारा सिख तीर्थयात्रियों के लिए पासपोर्ट और पहले पंजीकरण कराने की शर्तों में छूट दिए जाने से खुश हूं और उनका आभारी हूं, लेकिन पाकिस्तान से आग्रह करूंगा कि यह केवल सिखों के लिए नहीं बल्कि भारत के सभी नागरिकों के लिए हो। यह भी आग्रह करूंगा कि 20 डालर की छूट महज दो दिन की जगह हर दिन के लिए हो।’’Happy & grateful for waiver of passport & advance registration conditions for Sikh pilgrims by @ImranKhanPTI govt, but would urge Pakistan to apply this not just to Sikhs but all citizens of secular India. Also urge Pak PM to waive off $20 fee on all days instead of just two.
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) November 1, 2019
करतारपुर गलियारे को नौ नवम्बर से श्रद्धालुओं के लिए खोला जाएगा। इमरान खान ने ट्वीट किया, ‘‘भारत से करतारपुर आने वाले सिख तीर्थयात्रियों को पासपोर्ट की जरूरत नहीं होगी, केवल पहचान पत्र चाहिए होगा, उन्हें 10 दिन पहले पंजीकरण कराने की आवश्यकता भी नहीं है। उनसे गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व और उद्घाटन समारोह के लिए कोई शुल्क भी नहीं लिया जाएगा।’’
यह बहुप्रतीक्षित गलियारा पंजाब के गुरदासपुर में स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे को करतारपुर स्थित गुरुद्वारे दरबार साहिब से जोड़ता है जो अंतरराष्ट्रीय सीमा से महज चार किलोमीटर की दूरी पर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नरोवाल जिले में स्थित है। इस गलियारे को गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के मद्देनजर खोला जाएगा।