लुधियाना-अमृतसर : अपने-अपने स्वार्थसिद्धी में लिप्त डेरों से जुड़े गुर्गो या शरारती तत्वों द्वारा अकसर ऐसे घिनौने षडयंत्र रचाएं जाते है, जिससे पंजाब के माहौल को विशेषकर सिखों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई जा सकें। अब ऐसा ही मामला सोशल मीडिया पर स्वयं को सच्चा सौदा सिरसा का शिष्य कहलाने वाले एक शख्स ने अपनी बेवकूफी के जरिए बहुत ही शर्मनाक कारनामा करते हुए एक वीडियो डाली है। जिसमें रोहतक की सुनारिया जेल में एक पत्रकार के कत्ल के इल्जाम में और डेरे की साध्वियों के साथ बलात्कार के मामले में दोहरी उम्रकैद की सजा भुगत रहे सौदा प्रमुख को परोक्ष रूप से गुरू गोबिंद सिंह जी का रूप और हनीप्रीत को साहिबजादा फतेहसिंह का अवतार कहा है।
इसी वीडियों के जग जाहिर होते ही पंजाब के अधिकांश सिख धर्म से जुड़े पैरोपकारों ने धड़ाधड़ श्री अकाल तख्त साहिब पर गुहार लगानी शुरू कर दी। सिखों की सर्वोच्च संस्था शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भी प्रैस विज्ञप्ति के जरिए दशम पातशाह के विरूद्ध बयानबाजी करने की निंदा करते हुए पंजाब सरकार और डायरेक्टर जनरल पुलिस को कार्यवाही करने के लिए खत लिखा है।
कमेटी के सचिव डॉ रूप सिंह ने इसे बेहद घटियां सोच का प्रकटावा करार देते हुए कहा, ऐसी बेतुकी और मनगढंत बातें करके कुछ शरारती तत्व जानबूझकर पंजाब के शांत माहौल को बिगाडऩे की कोशिश कर रहे है। उन्होंने कहा कि श्री गुरू गोबिंद सिंह जी के साथ दुनियावी शख्स की तुलना करना बीमार मानसिकता का प्रकटावा है। इससे दुनिया भर में बसें अल्प संख्यक सिखों के अंदर रोष फैल रहा है।
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स्मरण रहे कि इससे पहले भी राम रहीम द्वारा गुरू गोबिंद सिंह जी का स्वांग रचाकर सिखों की भावनाओं का कत्ल कया गया था और अब पुन: उसके एक तथाकथित पैरोपकार द्वारा इस मामले को दुबारा तूल देकर पंजाब का माहौल बिगाडऩे का प्रयास कहा जा सकता है। डॉ रूप सिंह ने यह भी कहा कि सोशल मीडिया की आजादी का मतलब यह हरगिज नहीं कि जो मनमर्जी बयानबाजी करके लोगों में फैलाई जाएं। उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम विभाग की लापरवाही ऐसी घटनाओं में बढ़ौतरी का कारण बन रही है। उन्होंने पंजाब सरकार और पंजाब डीजीपी को पत्र लिखकर दोषी के विरूद्ध 295-ए के मुताबिक कार्यवाही करने को कहा और पंजाब के लोगों को सचेत रहने की अपील भी की।
सोशल मीडिया पर स्वयं को उस तथाकथित पैरोपकार ने वीडियो में कहा है कि फतेहबाद का नाम भी इसी लिए रखा गया है, उसने यह भी कहा कि ‘डंका बाजे फतेह का निहकलंक अवतार’। भावार्थ -सौदा प्रमख ने फिल्मों के द्वारा फतेह का डंका बजाते हुए बोल बाला किया है। वर्ष 2006 में डेरे का डंका बज रहा था, किसी को कोई ऐतराज नहीं था।
उसमें वह फतेह का तो साहिबाजदा फतेह सिंह का नाम प्रयोग किया, उसने हनीप्रीत के साथ जोड़ा है। इस वीडियों में स्पष्ट लफजों में कहा है कि 2008 में पंजाब के बठिण्डा के नजदीक सलाबतपुरा डेरे में जब सौदा प्रमुख ने गुरू गोबिंद सिंह जी का स्वांग रचाकर खंडे बाटे की नकल करते हुए दूध में रूहअफजा घोलकर जामे-इंसा का रूहानी जाम पिलाएं थे, उस वक्त सभी ने कहा था कि आज तो पिता जी गुरू गोबिंद सिंह जी लग रहे है।
सोशल मीडिया पर उस शख्स ने यह भी कहा कि हुजूर पिता जी जेल में किसी का सुधार करने गए है। उसका दावा था कि पिताजी जेल में रहते ही नहीं बल्कि मक्खी का रूप धारण करके प्रतिदिन डेरे आते है और रात को गुफा विश्राम करते है। पैरोपकार का यह भी दावा है कि पिता जी के लिए कोई ताला नहीं बना, जिसमें उन्हें उनकी मर्जी के बिना बंद रखा जा सकें।
श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि डेरा सिरसा के जिए प्रेमी की ओर से डेरा सिरसा के मुखी का मुकाबला श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के साथ किया है उसके खिलाफ सिखों की धार्मिक भावनाएं भडकाने के तहत एफआईआर दर्ज करवाने की हिदायत जारी कर दी है। उन्होंने कहा कि किसी को भी सिख धर्म के लोगों की भावनाएं भड़ाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। आरोपी के खिलाफ धारा 295—ए के तहत मामला दर्ज करवाना समय की जरूरत है ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति इस तरह की गलती न करे जिस से सिख पंथ के अंदर रोष पैदा हो जाए और संगत की भावनाओं को ठेस पहुंचे।
इसी संबंध में बातचीत करते प्रचारक भाई करनवीर सिंह, भाई संदीप सिंह, भाई गुरशरन सिंह ने कहा कि यह लोग अपनी अक्ल का दीवाला निकालते हुए ऐसी उल-जुलूल बातें करके पंजाब के शांत माहौल को बिगाडऩा चाहते है और प्रशासन इनको हाथ डालने में गुरेज कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह शर्म की बात है कि कुछ सियासत से जुड़े नेता पंथक कहलाने का सम्मान लेते है लेकिन प्रतिदिन स्टेजों पर बोलते है कि पंजाब बसता गुरू के नाम और पंजाब की धरती पर वही लोग गुरू साहिब के प्रति डेरेदारों और उनके पैरोपकारों द्वारा प्रयोग की जा रही भददी शब्दावली सुनने के बाद भी वोटों की खातिर डेरों की दहलीज पर जाकर नाक रगड़ते है और उनका बायकाट किया जाना चाहिए। लोगों का यह भी कहना है कि प्रशासन ऐसे लोगों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करें, जिसने अपनी गंदी जुबान पर दशमेश पिता जी का और सत्कारयोग साहिबादा फतेहसिंह की तुलना पाखंडी साध और उसकी शिष्या के साथ करके सिख हृदयों से भारी खिलवाड़ किया है।
– सुनीलराय कामरेड