कांग्रेस में अंदरूनी दरार लगातार बढ़ती जा रही है, मसला राजस्थान का हो या पंजाब का हर जगह इस मनमुटाव का हल निकालने में पार्टी के हाईकमान सफल नहीं हो पा रहे हैं। दरअसल, पंजाब में अगले साल होने वाले चुनावों से पहले कांग्रेस में चल रही तकरार खत्म करने की पार्टी हाईकमान की तमाम कोशिशें बेनतीजा रही हैं। इसकी बड़ी वजह नवजोत सिंह सिद्धू का डिप्टी सीएम पद का ऑफर ठुकरा देना और प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए अड़ना बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक नवजोत सिंह सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर के नेतृत्व में डिप्टी सीएम बनने से इंकार कर दिया है।
उनका कहना है कि यदि वह इस पद को स्वीकार भी कर लेते हैं तो सहज नहीं रह पाएंगे। इसकी बजाय वह प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी चाहते हैं। वहीं कैप्टन अमरिंदर इसके खिलाफ बताए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री अमरिंदर की राय है कि प्रदेश अध्यक्ष का पद किसी हिंदू नेता को मिलना चाहिए ताकि अगले साल होने वाले चुनावों में संतुलन साधा जा सके, इससे वोटरों पर भी असर होगा। कहा जा रहा है कि बीते सप्ताह शनिवार को ही राहुल गांधी ने पंजाब के मामले को हल करने के लिए बने पैनल से बातचीत की थी। लेकिन कोई हल नहीं निकल सका।
पंजाब के प्रदेश प्रभारी ने कहा कि इस मामले का हल जुलाई तक निकल सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि पंजाब कांग्रेस में परिवर्तन किए जाने की जरूरत है। हमें संतुलन साधने की जरूरत है और अगले साल होने वाले चुनावों से पहले सभी को साथ लेकर चलना चाहिए। सूत्रों का कहना है कि सिद्धू ने पैनल से साफ तौर पर कह दिया है कि वह डिप्टी सीएम के पद के लिए तैयार नहीं हैं और प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहते हैं। वहीं सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह किसी हिंदू नेता को यह जिम्मेदारी देने के पक्ष में हैं।