शिरोमणि अकाली दल के 2022 विधानसभा चुनाव में जीतकर सत्ता में आने की स्थिति में पार्टी द्वारा पंजाब के उप मुख्यमंत्री का पद किसी दलित व्यक्ति को दिये जाने की शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल की घोषणा के एक दिन बाद कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने बृहस्पतिवार को उनसे पूछा कि क्या मुख्यमंत्री का पद किसी के लिए आरक्षित है।
आनंदपुर साहिब निर्वाचन क्षेत्र के सांसद तिवारी ने यह भी कहा कि शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता को पहचान की राजनीति में लिप्त होने से बचना चाहिए। गौरतलब है कि जालंधर में बुधवार को बादल ने उनकी पार्टी के अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता में आने पर एक दलित को पंजाब के उपमुख्यमंत्री का पद देने का वादा किया था।
बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए, तिवारी ने बादल से पूछा, “एक दलित केवल उपमुख्यमंत्री हो सकता है, मुख्यमंत्री क्यों नहीं? क्या शीर्ष स्थान किसी के लिए स्थायी रूप से आरक्षित है?” कांग्रेस सांसद ने बादल को आगाह किया कि पहचान की राजनीति राष्ट्रों और सभ्यताओं के लिए अभिशाप है और यह पंजाब के लोकाचार के खिलाफ है जिसे तीन शब्दों पंजाब, पंजाबी, पंजाबियत में बयां किया जा सकता है। तिवारी ने कहा कि सिख धर्म के संस्थापक, गुरु नानक देव ने ‘सभी मनुष्यों की एक पहचान’ का संदेश दिया है।