लुधियाना: केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन कानून के
खिलाफ चल रहे अंदोलन का साथ देते हुए लुधियाना शाहीन बाग रोष प्रदर्शन के आज 30वें दिन बड़ी संख्या में बेटियों ने एकत्रित होकर महिला शक्ति का प्रदर्शन
किया।
शाही इमाम पंजाब मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी की अध्यक्षता में चल
रहे इस प्रदर्शन को संबोधित करते हुए मजलिस अहरार इस्लाम की सदस्य फरीदा खातून ने
कहा कि हिंदू, मुस्लिम, दलित, सिख, इसाई एकता ही भारत की असल शक्ति है और केंद्र सरकार धर्म की राजनीति कर इसी
शक्ति को तोड़ रही है। फरीदा ने कहा कि मोदी को चाहिए कि वह शरणार्थियों को
नागरिकता देते समय अपने भारत के नागरिकों के सम्मान का भी ध्यान रखें।
उन्होंने
कहा कि देश में कोई भी कानून किसी भी विशेष समुदाय के लिए नहीं बनाया जाना चाहिए।
फरीदा ने कहा कि नफरत की राजनीति करने वालों को शाहीन बाग द्वारा मुहब्बत का ही
संदेश दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी को भडक़ाना उत्तेजित करना आसान काम है
लेकिन सबको साथ लेकर चलना और एक दूसरे का सम्मान करना ही असल भारत की संस्कृति है, जिसे हम कभी नहीं छोड़ेंगे ।
वहीं, खतीजा अहरार ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि देशभर में
शाहीन बाग अंदोलन का हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और दलित भाइयों ने जो प्यार और साथ दिया है उसे इतिहास के पन्नों में सुनहरी
अक्षरों से लिखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून में से अगर धर्म का
आधार हटा दिया जाए तो शरणार्थियों को नागरिकता तो मिल जाएगी, लेकिन इस नाम पर राजनीति करने वालों का विस्तरा भी गोल हो जाएगा, इसीलिए केंद्र की मोदी सरकार ने इस कानून को धर्म आधारित बनाया। आज ताजपुर रोड
भामिया से वसीम रजा, मुहम्मद समीर,मुहम्मद आफताब, सहूलत, मुस्तकीम अहरार, मौलाना जमील, मिन्हाज की अध्यक्षता में काफिले पहुंचा।
रीना अरोड़ा