लुधियाना- अमृतसर : श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने भी दिल्ली के दयाल सिंह कालेज का नाम बदले जाने का सख्त नोटिस लेते हुए इस घटना को सिखों की ओर से दी गई कुर्बानियों को मिटाने की साजिश बताया है।
ज्ञानी गुरबचन सिंह ने कहा कि पाकिस्तान में जितने भी कालेज व अन्य शिक्षण संस्थान सिखों की ओर से स्थापित किए गए है। वे उसी नामों पर चल रहे है। परंतु हमारे ही देश में सिखों को दूसरे नंबर का शहरी समझ कर भेदभाव किया जा रहा है। यह बात किसी भी कीमत पर बर्दाशत नहीं की जाएगी। जेकर प्रबंधकों को कोई नया नाम किसी संस्थान का रखना था तो उनको नई इमरात बना कर उस का नाम नया रखना चाहिए था ना कि पहले से बने संस्थान का नाम बदलना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि सरकार अल्पसंख्यक विरोधी नीतियों के तहत ही कालेजों, सडक़ों आदि के नाम रख कर संप्रदायकता फैलाने की नीतियों को बंद करे। अगर कालेज की कमेटी ने दोबारा कालेज का पहला नाम न रखा तो सिख कमेटी को माफ नहीं करेंगे। दयाल सिंह कालेज का नाम बदल कर उसके इतिहास को खत्म करने कोशिश की गई है। उन्होंने कहा कि नाम बदल कर पहले वाला रखा जाए नहीं तो कोई भी अप्रिय घटना हो सकती है जिस की जिम्मेवारी कालेज मैनजमेंट कमेटी की होगी।
– सुनीलराय कामरेड