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2 मासूम बच्चों की हुई मौत, मां-बाप समेत 4 की हालत गंभीर

लुधियाना के सुभाष नगर स्थित बस्ती जोधेवाल के एक घर में मिलने आए रिश्तेदारों से अगली सुबह घूमने का वायदा करके मां-बाप संग सोने वाले मासूम बच्चों को क्या मालूम था कि सोमवार की ठिठुरती ठंड भरी रात उनकी जिंदगी की आखिरी रात साबित होंगी

लुधियाना : लुधियाना के सुभाष नगर स्थित बस्ती जोधेवाल के एक घर में मिलने आए रिश्तेदारों से अगली सुबह घूमने का वायदा करके मां-बाप संग सोने वाले मासूम बच्चों को क्या मालूम था कि सोमवार की ठिठुरती ठंड भरी रात उनकी जिंदगी की आखिरी रात साबित होंगी। 
घर के कमरे में कंपकंपाती ठंड से बचने के लिए जलाई कोयले की अंगीठी मासूम बच्चों की मौत का काल बनी। खबर है लुधियाना के टिब्बा पुलिस स्टेशन इलाके की, जहां सर्दी से बचने के दौरान 2 बच्चों की मौत हुई है जबकि कमरे में उनके साथ सो रहे मां-बाप समेत 2 अन्य रिश्तेदारों को गंभीर हालत में पड़ोसियों ने पुलिस की सहायता से उठाकर सिविल अस्पताल पहुंचाया, जहां जिंदगी और मौत से वे जंग लड़ रहे है। थाना टिब्बा पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुटी हुई है। 
प्राप्त जानकारी के मुताबिक मामले की जांच कर रहे एएसआइ जसपाल सिंह ने बताया कि मृतक बच्चों की पहचान बस्ती जोधेवाल की इंद्रलोक कॉलोनी की गली नंबर 10 निवासी सौरव (10) तथा गौरव (12) के रूप में हुई है। हादसे में दोनों बच्चों के पिता प्रमोद कुमार (40), मां निशा, बुआ सुनीता रानी तथा फूफा सुशील कुमार बेहोश हो गए। उनका इलाज चल रहा है। पुरुषोतम प्रिंटिंग प्रेस में लेबर जॉब का काम करने वाला प्रमोद कुमार यहां पिछले पांच महीने से परिवार समेत तरसेम लाल के घर में किराए पर रहता था। 
पुलिस को दिए बयान में तरसेम लाल की पत्नी रेखा ने बताया कि हर रोज यह परिवार सात बजे उठ जाता था। मगर मंगलवार सुबह नौ बजे तक जब कोई नहीं जगा तो उसके पति ने दरवाजा खटखटाया। काफी देर दरवाजा खटखटाने के बाद किसी तरह से उठकर आए प्रमोद ने दरवाजा खोला। अंदर दोनों बच्चों समेत पांच लोग बेसुध पड़े थे। फौरन पुलिस को मामले की सूचना दी गई। 108 एबुलेंस की मदद से सभी को सिविल अस्पताल ले जाया गया। जहां डाक्टरों ने सौरव व गौरव को देखते ही मृतक करार दे दिया। जबकि अन्य चारों का उपचार शुरू कर दिया। 
यह भी पता चला है कि प्रमोद की बहन सुनीता व बहनोई सुशील कुमार चंद्रलोक कॉलोनी की गली नंबर 8 में किराए पर रहते हैं। तरसेम लाल के अनुसार सोमवार रात निशा की सेहत ठीक नहीं थी। जिसके चलते प्रमोद ने फोन करके अपनी बहन व जीजा को अपने पास बुला लिया। सर्दी से बचने के लिए लोहे के तसले में कोयले की आग जला ली। 
प्रमोद ने मकान मालिक को बताया कि तडक़े तीन बजे प्यास लगने पर सौरव व गौरव ने उसे जगा दिया। उसने उठ कर दोनों को पानी पिलाकर सुला दिया और खुद भी सो गया। इसके बाद कैसे क्या हुआ, उसे पता हीं नहीं चला। सुबह गेट खटखटाने की आवाज सुनकर उसने उठने की कोशिश की, मगर सफल रहीं हो सका। अंत में किसी तरह उसने उठकर दरवाजा खोला। बता दें कि सौरव व गौरव इलाके के सरकारी स्कूल में पढ़ते थे।
– सुनीलराय कामरेड

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