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इराक में लापता हुए नौजवानों के परिवारिक सदस्यों के लिए गए डीएनए नमूनें

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लुधियाना-अमृतसर :  इराक में कुखयात आतंकी संगठन आईएस द्वारा बंधक बनाए गए 39 भारतीयों के परिजनों का आज डीएनए सैम्पल लेने के लिए स्वस्थ विभाग द्वारा आज कार्यवाही शुरू हो गई। गुरू की नगरी अमृतसर स्थित मैडीकल कालेज के फारेंसिक लैब में 39 नौजवानों के 25 पारिवारिक सदस्यों के जिला प्रशासन की मौजूदगी में डीएनए के सैम्पल लिए गए। फारेंसिक लैब द्वारा प्रत्येक परिवार के 3 सदस्य के दो-दो सैम्पल भरे गए है, जिनको भारत सरकार के दिशा-निर्देशों अनुसार एक सैम्पल को एफ.टी.एफ कार्ड में इराक सरकार को और दूसरा सैम्पल सैम्पल डायरेक्टर एफ एस एल चंडीगढ़ को भेजा जाएंगा।

प्राप्त जानकारी के अनुसार मैडीकल कालेज में आज अमृतसर और सीमावर्ती जिले गुरदासपुर के 8 नौजवानों के वारिस पहुंचे थे। इनके अतिरिक्त पड़ोसी राज्य हिमाचल के 3 परिवारों के खून के नमूनें भी तकरीबन एक महीना पहले ही लिए जा चुके है। सूत्रों से मिली जानकारी मुताबिक भारत सरकार ने पंजाब सरकार को एक पत्र के जरिए डीएनए नमूनें इकटठा करवाने के लिए आदेश दिया था, ताकि इराक स्थित तान्जों मौसूल में मिले लावारिस मानवीय पिंजरों के साथ डीएनए का मेल करवाकर पुष्टि की जा सकें।  स्मरण रहे कि 21 अक्तूबर को भी डीएनए टैस्ट करवाने के लिए अमृतसर स्थित सरकारी मैडीकल कालेज में उक्त परिवारों के आठों नौजवानों के वारिसों को बुलाया गया था किंतु डीएनए सैम्पल किट ना होने के कारण टैस्ट नहीं हो सकें।

प्रशासन के पुन: कहने पर यह पीडि़त परिवार आज मैडीकल कालेज में पुन: आए थे।  परिजनों का कहना है कि लगभग 3 साल बाद अचानक डीएनए करवाना अच्छा संकेत नहीं है और उन्हें इराक में फसे उनके परिजनों के बारे में कुछ भी बताया नहीं गया है। एक महिला परिजन गुरबिंदर व सरवन सिंह का कहना है कि उनके परिजन इराक में पैसा कमाने गए थे लेकिन वहा आईएस द्वारा बंधक बना लिया गया और आज तक उन्हें वहा की कोई खबर नहीं मिली।  जिक्रयोग है कि 2014 में इराक की इस्लामिक स्टेट की लड़कियों ने 39 भारतीयों का अपहरणकर लिया था। हालांकि 2017 में इराकी सेना ने मोसूल शहर को आईएसआई के कब्जे से छुड़वा लिया परंतु उनमें भारतीयों का कोई नामोनिशान नहीं मिला जबकि भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज कई बार कह चुकी है कि अपहरण किए गए नौजवानों की रिहाई के लिए प्रयास जारी है। हालांकि अपहरणकर्ताओं के चुंगल से निकलकर आए गुरदासपुर के गांव काला अफगान के हरजीत मसीह ने बताया था कि आईएस ने सभी अपहरणकर्ताओं को मार दिया है। जबकि दूसरी तरफ सुषमा स्वराज भारतीयों को सुरक्षित कहकर संदेश दे रही है।

– सुनीलराय कामरेड

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